कांग्रेस: कई लोगों की दिन-रात की मेहनत का परिणाम, 15 साल बाद पार्टी ने किया अच्छा प्रदर्शन

punjabkesari.in Thursday, Jun 06, 2024 - 04:56 PM (IST)

नेशनल डेस्क: कांग्रेस भले ही सत्ता से दूर रही हो, पर 15 साल बाद सबसे अच्छे प्रदर्शन से पार्टी ने जोश भर दिया है। कांग्रेस की सीटें दोगुनी होने में जितनी मेहनत कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व नेता राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी की है, उतनी ही मेहनत कई अन्य नेताओं की भी है। इनमें पार्टी के एजेंडे को धार देने के साथ इसे जमीन पर उतारा। यही वजह है कि पार्टी की सीटें 52 से बढ़कर 99 पर पहुंच गई। दरअसल, कांग्रेस अध्यक्ष खरगे, राहुल व प्रियंका ने करीब 100-100 रैलियां कर जीत के लिए रास्ता बनाया।

एजेंडे को मिली धार-

कांग्रेस ने इस बार अपने प्रचार बदलाव किया। पार्टी के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रतिदिन सुबह एक वीडियो जारी किया गया, जिसे दिनभर टीवी पर विज्ञापन पर चलाया गया। इससे पार्टी ने अपनी न्याय गारंटियों और आरक्षण बचाने के एजेंडे को धार दी। इसमें अहम भूमिका कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश और मीडिया व पब्लिसिटी विभाग के अध्यक्ष पवन खेड़ा ने निभाई।

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सोशल मीडिया पर वार-पलटवार

कांग्रेस ने पिछले चुनावों से सबक लेते हुए इस बार सोशल मीडिया को आक्रामक हथियार बनाया। भाजपा की ओर से कांग्रेस या राहुल गांधी को लेकर किसी भी पोस्ट व वीडियो के तत्काल जवाब दिए गए। इस पर कांग्रेस सोशल मीडिया विभाग की अध्यक्ष सुप्रिया श्रीनेत ने लगातार मॉनीटरिंग की। नतीजे आने के बाद सोशल मीडिया विभाग टीम ने जश्न भी मनाया।

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समन्वय बैठकों से कार्यकर्ता हुए एक्टिव

उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का प्रदर्शन पिछले लंबे समय से खराब बना हआ था। इस बार समाजवाद पार्टी से गठबंधन किया और महज 17 सीटों पर चुनाव लड़ा। कम सीटों पर चुनाव पर लड़ने के बावजूद प्रभारी महासचिव अविनाश पांडे ने सभी 80 सीटों पर समन्वय सम्मेलन किए। इन सम्मेलनों की खास बात यह रही कि इनमें कांग्रेस के साथ सपा के नेता व कार्यकर्ताओं को बुलाया गया। एकजुट होकर चुनाव में जाने के लिए सभी नेता व कार्यकर्ताओं को एक्टिव मोड पर रखा और संगठन को पुनः सक्रिय कर दिया।

राज्य में रहे प्रभारी

कांग्रेस ने चुनाव के दौरान राज्य प्रभारियों को अधिक से अधिक समय प्रभार वाले राज्यों में रखा। इसका फायदा भी पार्टी को मिला। प्रचार में समन्वय देखने को मिला।

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एकजुटता का फायदा

राजस्थान, पंजाब व हरियाणा में कांग्रेस गुटबाजी से परेशान रही है। नेताओं ने गुटबाजी छोड़ एकजुटता दिखाई। इसका फायदा तीनों ही राज्यों में मिला। कांग्रेस ने 2009 के बाद राजस्थान व हरियाणा में अच्छा प्रदर्शन किया है। जबकि पंजाब में अपने प्रदर्शन को दोहराने में सफलता हासिल की है।

युवाओं को आगे बढ़ाया

कांग्रेस ने पहली के साथ दूसरी व तीसरी पंक्ति के नेताओं को प्रचार में आगे किया। ऐसा प्रयोग कांग्रेस अब तक कम ही करती रही है। जहां पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सचिन पायलट ने राजस्थान, छत्तीसगढ़, दिल्ली, पंजाब समेत करीब 10 से अधिक राज्यों में सौ से अधिक रैलियां की। वहीं महिला कांग्रेस अध्यक्ष अल्का लांबा, युवा कांग्रेस अध्यक्ष बीवी श्रीनिवास, पूर्व सैनिक विभाग के अध्यक्ष कर्नल रोहित चौधरी से देशभर में सभाएं पत्रकार वार्ता के माध्यम से उनसे जुड़े मुद्दों को ज्वलंत रखा। आक्रामक प्रचार से सीटें बढ़ गई।


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News Editor

Radhika

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