पहले जीत की दी बधाई फिर मोदी सरकार पर बरसे आनंद शर्मा, राष्ट्रपति के भाषण को बताया 'बोरिंग'

punjabkesari.in Wednesday, Jun 26, 2019 - 01:30 PM (IST)

नई दिल्लीः राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा ने पहले तो भाजपा को लोकसभा चुनाव में मिली जीत की बधाई और शुभकमानाएं दीं। इसके बाद शर्मा ने जमकर मोदी सरकार पर निशाना साधा। शर्मा ने कहा कि चुनाव में कटाक्ष और आरोप भी लगते हैं लेकिन अब प्रधानमंत्री को कड़वाहट की बातें बंद करनी होंगी। कांग्रेस सांसद ने कहा कि राष्ट्रपति का अभिभाषण निराशाजनक है लेकिन उनकी यह मजबूरी है। शर्मा ने कहा कि पिछले पांच साल कथनी और करनी का बड़ा फर्क रहा लेकिन उम्मीद है कि अब प्रधानमंत्री इसे दूर करेंगे।


राज्यसभा में आनंद शर्मा का संबोधन

  • प्रधानमंत्री को नए शब्दों का शौक है और इस बार शायद कई और नए शब्द बनेंगे। 2014 में पहली बार हिन्दुस्तान जागा, 2014 में ही हिन्दुस्तान का सफर शुरू हुआ, यह बात राष्ट्रपति के अभिभाषण में भी डाल दी गई। 1947 को किस हिन्दुस्तान का बुनियाद रखी गई थी, जब गांधी और नेहरू जिंदा था तब कौन का हिन्दुस्तान बना था, क्या तब से 2014 तक देश सोया हुआ था, तब तक क्या कोई विकास नहीं हुआ था। सब कुछ 2014 से शुरू हुआ यह मानसिकता स्वस्थ नहीं है और इसका त्याग करना चाहिए।
  • राष्ट्रपति का भाषण जमीनी हकीकत को नकारता है और जनता के विवेक को आप चुनौती दे रहे हैं, हम सभी ने आपको जीत की बधाई दी और जीत-हार लोकतंत्र का हिस्सा है, आपको भी इतनी बढ़ी जीत का भरोसा नहीं है, हम यहीं रह गए लेकिन एक चीज जरूर कहेंगे कि हमारी और आपकी विचारधाराएं अलग हैं।
  • देश के लिए कुर्बानियां देने वाले नेताओं के लिए बहुत बातें कहीं गईं जिन्होंने देश को मजबूत किया और उनपर हम सभी को नाज है और दुनिया भी उनको सलाम करती है।
  • विपक्ष अपनी सकारात्मक भूमिका निभाएगा और देश की जनता उम्मीद करती है कि देश का विपक्ष मजबूत रहे।
  • सरकार की गलत नीतियों की आलोचना विपक्ष करेगा, जहां सरकार गलत करेगी उसका विरोध विपक्ष करेगा।
  • कांग्रेस ने आजादी के आंदोलन की अगुवाई की थी और गांधीजी कांग्रेस के भी अध्यक्ष रहे। गांधी को सिर्फ स्मरण करने से नहीं अनुसरण करने से काम होगा।
  • गांधीजी की जयंती राष्ट्रपति के अभिभाषण में 86वें पैरा में लिखी गई है, उससे पहले सरकार की स्तुतिगान किया गया है। आप यूएन का योग दिवस मनाते हैं लेकिन गांधी की जयंती को UN ने अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस घोषित किया है क्यों आप लोग वह नहीं मनाते, क्यों उसका जिक्र भाषण में नहीं किया गया।

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Seema Sharma

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