सोनिया गांधी को पत्र लिखने वाले जितिन प्रसाद का छलका दर्द, बोले- हमारी मंशा गलत नहीं थी

punjabkesari.in Saturday, Aug 29, 2020 - 04:31 PM (IST)

नेशनल डेस्क: कांग्रेस में संगठनात्मक बदलाव और पूर्णकालिक अध्यक्ष की मांग को लेकर सोनिया गांधी को पत्र लिखने वाले 23 नेताओं में शामिल जितिन प्रसाद ने शनिवार को कहा कि पत्र का गलत मतलब निकाला गया और उन्हें पार्टी के शीर्ष नेतृत्व में पूरा विश्वास है। प्रसाद ने एक साक्षात्कार में कहा कि यह पत्र कभी भी नेतृत्व परिवर्तन की मंशा से नहीं लिखा गया।

 

सोनिया और राहुल गांधी के नेतृत्व पर पूरा विश्वास
पत्र पर हस्ताक्षर करने के कारण के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस नेता ने कहा कि पत्र यह सुझाव देने के मकसद से लिखा गया कि कैसे पार्टी को फिर से खड़ा किया जाए और मजबूती दी जाए तथा संगठन को प्रेरित करने के लिए आत्ममंथन किया जाए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस पत्र का मकसद नेतृत्व को कमतर दिखाना नहीं था। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मुझे सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नेतृत्व पर पूरा विश्वास है और उन्हें मुझमें पूरा विश्वास है। उन्होंने यह टिप्पणी उस वक्त की है जब पत्र से जुड़े विवाद को लेकर उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले की कांग्रेस कमेटी पिछले दिनों प्रस्ताव पारित कर उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की। 

 

हमें नहीं किसी से कोई गिला
प्रसाद ने कहा कि स्थानीय स्तर के प्रतिद्वंद्वी गुटों द्वारा उकसाने पर इस तरह का प्रस्ताव पारित किया गया होगा। प्रसाद के अनुसार हर लोकतांत्रिक पार्टी में इस तरह के छोटे-मोटे मामले होते हैं और यह स्थानीय स्तर के प्रतिद्वंद्वी गुटों के उकसावे का नतीजा भी हो सकता है। मुझे किसी से कोई गिला नहीं है क्योंकि हर कोई कांग्रेस परिवार का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा है कि मामला खत्म हो गया है अैर हमें सत्तापक्ष से लड़ाई पर ध्यान केंद्रित करना है। लखीमपुरी खीरी के जिला कांग्रेस अध्यक्ष के उस कथित ऑडियो पर प्रसाद ने टिप्प्णी करने से इनकार कर दिया जिसमें कथित तौर पर कहा गया था कि उनके खिलाफ प्रस्ताव अखिल भारतीय कांग्रेसे कमेटी के निर्देशानुसार पारित किया गया। 

 

कांग्रेस में पत्र को लेकर छिड़ा विवाद 
प्रसाद ने इस बात पर जोर दिया कि अब बिहार, पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के चुनाव आने वाले हैं तथा हमें पूरी ऊर्जा सांप्रदायिक ताकतों से लड़ने पर लगानी है। पिछले दिनों गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा और प्रसाद समेत कांग्रेस के 23 नेताओं ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर संगठन में ऊपर से लेकर नीचे तक बदलाव और पूर्णकालिक एवं सक्रिय अध्यक्ष की मांग की थी। उनके इस पत्र को पार्टी के भीतर कई लोगों ने कांग्रेस नेतृत्व को चुनौती देने के तौर पर लिया। इस पत्र से जुड़े विवाद की पृष्ठभूमि में ही 24 अगस्त को कांग्रेस कार्य समिति की हंगामेदार और मैराथन बैठक हुई जिसमें सोनिया गांधी से अंतरिम अध्यक्ष रहने का आग्रह किया गया और संगठन में जरूरी बदलाव के लिए उन्हें अधिकृत किया गया। 


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vasudha

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