कांग्रेस का अनुराग ठाकुर पर पलटवार, कहा- नफरती बयानों से मिला प्रमोशन

punjabkesari.in Monday, Mar 06, 2023 - 09:04 PM (IST)

नेशनल डेस्कः कांग्रेस ने राहुल गांधी पर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के हमले को लेकर पलटवार करते हुए सोमवार को कहा कि अगर सरकार को राहुल गांधी की बातों में कुछ गलत लगता है, तो उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों पर उसे संसद में चर्चा करानी चाहिए। पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने यह दावा भी किया कि ठाकुर को उनके ‘नफरती बयानों' के चलते सरकार में पदोन्नति मिली। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘अनुराग ठाकुर को उनके नफरती बयान के बाद पदोन्नति मिली। उन्हें हमें पाठ नहीं पढ़ाना चाहिए।''

सुप्रिया ने दावा किया, ‘‘प्रधानमंत्री (नरेन्द्र मोदी) जहां जाते हैं, वहां देश के विपक्ष खिलाफ आग उगलते हैं। प्रधानमंत्री ने विदेशी धरती से कहा था कि 2014 से पहले लोग बोलते थे कि क्या पाप किया कि हिंदुस्तान में पैदा हो गए। क्या इस बयान से वह हिंदुस्तान की शान बढ़ा रहे थे? जब वह कहते हैं कि 70 साल में कुछ नहीं हुआ तो वह स्वतंत्रता सेनानियों, क्रांतिकारियों और हर उस भारतवासी का अपमान करते हैं, जिसने दो जून की रोटी कमाकर भारत का निर्माण किया है।'' उन्होंने कहा, ‘‘राहुल गांधी जी ने कहा कि एक दुनिया, जहां पर अमेरिका और चीन लड़ रहे हैं, वहीं हिंदुस्तान का जो लोकतंत्र है, वो इस विश्व के लिए सौगात है और हमारी बड़ी अहम भूमिका होगी। इसको तो सिर-माथे लेना चाहिए और ताली बजानी चाहिए, लेकिन भाजपा के लोगों को, इनको (सरकार) समझ नहीं है।''

सुप्रिया ने कहा, ‘‘आपको लगता है राहुल गांधी जी ने कुछ गलत कहा है, तो इस पर संसद में बात कर लेते हैं।'' इससे पहले, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने भारत में लोकतंत्र के ‘गायब' होने और अमेरिका और यूरोपीय देशों से इसमें हस्तक्षेप की मांग संबंधी राहुल गांधी के बयान को लेकर सोमवार को उन पर निशाना साधा और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष से देश के साथ विश्वासघात नहीं करने को कहा। उन्होंने कहा, ‘‘आप भारत के साथ विश्वासघात मत कीजिए राहुल जी। भारत की विदेश नीति पर आक्षेप आपके निम्न बौद्धिक स्तर का परिचायक है। विदेशी जमीन पर जाकर अपने देश को बदनाम करने का आप जो प्रयास करते हैं, झूठ फैलाते हैं... इसको कोई मानेगा नहीं।'' लंदन में एक कार्यक्रम में राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि भारतीय लोकतंत्र के ढांचे पर ‘‘बर्बर हमला'' हो रहा है। उन्होंने अफसोस जताया कि अमेरिका और यूरोप समेत दुनिया के लोकतांत्रिक हिस्से इस पर ध्यान देने में नाकाम रहे हैं।


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Content Writer

Yaspal

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