जिस तकनीक से सिद्धू मूसेवाला की मां हैं प्रेग्नेंट, जानें उसकी पूरी जानकारी

punjabkesari.in Wednesday, Feb 28, 2024 - 02:19 PM (IST)

नेशनल डेस्क: पंजाब के प्रसिद्ध संगीतकार सिंगर सिद्धू मूसेवाला की मां ने एक अद्भुत और अत्यधिक प्रेरणादायक कदम उठाते हुए 58 साल की उम्र में गर्भधारण के लिए IVF तकनीक का सहारा लिया है। माँ का बच्चे को जन्म देने का प्लान अगले महीने है। हालांकि, इसको लेकर अभी तक उनके माता-पिता की तरफ से कोई अधिकारिक बयान नहीं सामने आया है। बता दें कि सिंगर सिद्धू मूसेवाला अपने माता-पिता की इकलौती संतान थे।

मई 2022 में उनका बेरहमी से कत्ल कर दिया गया था। इसकी जिम्मेदारी लॉरेंस विश्नोई गैंग ने ली थी। सिद्धू मूसेवाला की मां की प्रेग्नेंसी की खबर से कई लोग हैरान भी हैं। लोगों के मन में ये सवाल उठ रहे हैं कि क्या 50 साल से ऊपर की उम्र की महिलाएं आईवीएफ के जरिए बच्चा कंसीव कर सकती हैं। अगर ऐसा हो सकता है तो यह उनके लिए कितना सेफ है और क्या सावधानियां बरतनी जरूरी है। इनके जवाब ढूंढने से पहले IVF के बारे में अच्छी तरह से जानना जरूरी है। 

क्या है IVF?
यह नई सूचना सोशल मीडिया पर छायी रही है और लोगों के मन में उत्साह और सवाल दोनों हैं। क्या 50 साल से ऊपर की महिलाएं आईवीएफ के जरिए गर्भधारण कर सकती हैं? इस सवाल का उत्तर जानने से पहले हमें IVF के बारे में अधिक जानकारी होनी चाहिए। IVF यानी इन विट्रो फर्टिलाइजेशन। इसे आम भाषा में टेस्ट ट्यूब बेबी भी कहा जाता है। इस तकनीक में  महिला की अंडेदानी से अंडे निकालकर उनका पुरुष के स्पर्म के साथ फैलोपियन ट्यूब में फर्टिलाइजेशन कराया जाता है। फिर फर्टिलाइजेशन से बनने वाले भ्रूण यानी एम्ब्रायो को महिला के गर्भाशय में डाल दिया जाता है। यह उन महिलाओं के लिए वरदान साबित हुआ है जो नेचुरल तौर पर बच्चा कंसीव नहीं कर सकती हैं।

क्या IVF सेफ है?
इस प्रक्रिया के तहत, गर्भधारण के लिए कई चरण होते हैं और इसमें चिकित्सकों की मान्यता की जरूरत होती है। यह एक मेडिकल प्रक्रिया होती है, इसलिए इसमें उच्च स्तर की सावधानी और चिकित्सकों की सलाह का पालन करना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। 50 के पार किसी भी महिला के गर्भधारण करने की संभावना काफी कम रहती है क्योंकि इस वक्त उनमें पीरियड्स साइकिल बनना बंद हो जाता है। हालांकि,  IVF के जरिए 50 की उम्र पार कर चुकी महिलाएं मां बन रही हैं।

इसके लिए उन्हें हार्मोनल इंजेक्शन देकर उनकी गर्भाशय को एक्टिव किया जाता है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इस उम्र में अगर महिला मां बनना चाह रही है तो उसे पूरा बॉडी चेकअप जरूर कराना चाहिए। इससे यह पता लगाया जा सकेगा कि महिला किसी स्वास्थ्य समस्या से तो नहीं जूझ रही है, जो बच्चा कंसीव करने की उसकी क्षमता को प्रभावित कर सकता है। साथ ही ओवरीज, यूटेरस समेत सभी रिप्रोडक्टिव अंगों की जांच भी करा लेनी चाहिए। इसमें ओवरियन ग्रंथियां, गर्भाशय का स्वास्थ्य प्रमुख है। दरअसल, थोड़े बहुत कांप्लिकेशन भी महिला के लिए खतरा साबित हो सकते हैं।

डायबिटीज, बीपी और ब्लड टेस्ट भी कराए जाने चाहिए। इसके अलावा उस महिला का पहले की गर्भावस्था के दौरान कोई कांप्लिकेशन, क्रोमोसोमल एब्नॉर्मिलिटी और मिसकैरेज का इतिहास रहा है, यह जानकारी भी सामने आनी चाहिए। ये सब स्थितियां महिला के लिए गर्भावस्था में खतरा साबित हो सकती हैं। महिला की शारीरिक के अलावा मानसिक स्थिति का भी अवलोकन होना चाहिए वह IVF के जरिए मां बनने को तैयार है कि नहीं। इन सब चीजों के साथ-साथ IVF के वक्त महिला को आने वाली सभी तरह की परिस्थितियों के बारे में फर्टिलिटी एक्सपर्ट से अच्छे तरीके से विस्तार से बात कर लेनी चाहिए।

कौन सी सावधानियां जरूरी हैं?
उम्र के साथ-साथ शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य भी महत्वपूर्ण होता है। IVF प्रक्रिया में सफलता के लिए उपयोगकर्ताओं को स्वस्थ्य आहार, व्यायाम, और स्ट्रेस मैनेजमेंट जैसे आदतों का पालन करना चाहिए। IVF एक उपयोगी तकनीक है जो गर्भधारण की समस्याओं का समाधान कर सकती है, हालांकि इसमें सफलता के लिए सावधानी और चिकित्सकों की सलाह का पालन अत्यंत आवश्यक है। उपयोगकर्ताओं को अपने चिकित्सक से सलाह लेकर इस प्रक्रिया की संभावित रिस्क्स और सावधानियों के बारे में जानकारी प्राप्त करनी चाहिए।

एग डोनर का भी ले सकती हैं विकल्प
अगर आप 50 की उम्र पार कर चुकी हैं और  IVF के जरिए मां बनने का प्लान कर रही हैं तो एक दिक्कत आपके साथ ये आ सकती है कि बढ़ती उम्र के साथ आपके अंडेडानी में अंडों की संख्या और उसकी क्वालिटी कम हो जाती है। ऐसे स्थिति में महिला एग डोनर का विकल्प चुन सकती है। किसी अन्य महिला से एग ले सकती है। इसमें एक युवा एग डोनर के अंडे को महिला के साथी के शुक्राणु से फर्टिलाइज कराया जाता है और गर्भाशय में प्रत्यारोपित किया जाता है।

इसके अलावा एक विकल्प यह भी आया कि महिलाएं अब 30 से 40 साल के बीच में अपने एग फ्रीज करा ले रही हैं और फिर अपने मनमुताबिक वक्त पर आईवीएफ के जरिए कंसीव कर रही हैं। इन सबसे इतर एक संभावना ये भी हो सकती है कि आपको अपने पुरुष साथी की प्रजनन क्षमता के बारे में चिंताएं हैं तो इंट्रासाइटोप्लाज्मिक स्पर्म इंजेक्शन (आईसीएसआई) का विकल्प चुनते हैं। इसमें लैब में किसी व्यक्ति के शुक्राणु को महिला के एग में इंजेक्ट कराया जाता है।

IVF के दौरान महिलाओं को हो सकती हैं ये दिक्कतें
एक्सपर्ट बताते हैं कि IVF थोड़ी जटिल प्रक्रिया होती है। इस प्रोसेस से लेकर बच्चे को जन्म देने तक महिला को काफी मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है। इस दौरान एक से अधिक बच्चे, प्रीमैच्योर डिलीवरी, ओवरिअन हाइपरस्टिम्यूलेशन सिंड्रोम,गर्भपात, संक्रमण का खतरा, एक्टोपिक प्रेग्नेंसी, तनाव जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है।


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Content Editor

Mahima

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