आकर्षक नहीं, खतरनाक हैं कलरफुल फूड्स! बच्चों की सेहत के लिए बन सकते हैं ‘मीठा जहर’ – जानिए कैसे बचाएं उन्हें
punjabkesari.in Saturday, Apr 12, 2025 - 12:00 AM (IST)

नेशनल डेस्कः बाजार में मिलने वाले रंग-बिरंगे खाद्य पदार्थ बच्चों की आंखों को तो खूब भाते हैं, लेकिन इनके पीछे छिपे खतरे माता-पिता को गंभीरता से समझने की जरूरत है। कैंडी, जैली, आइसक्रीम, रंगीन जूस, नमकीन और पैक्ड फूड्स में इस्तेमाल होने वाले आर्टिफिशियल फूड कलर्स (Artificial Food Colors) बच्चों के व्यवहार से लेकर उनके मस्तिष्क के विकास और शारीरिक स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल सकते हैं।
कौन-कौन से फूड कलर्स होते हैं बच्चों के लिए हानिकारक?
1. Red 40 (Allura Red AC)
इस्तेमाल: कैंडी, शरबत, चॉकलेट ड्रिंक्स, आइसक्रीम
खतरे: ध्यान की कमी (ADHD), चिड़चिड़ापन, एलर्जी, स्किन रैशेज, माइग्रेन
नोट: पशुओं पर किए गए शोधों में कैंसर से जुड़ाव की आशंका देखी गई है।
2. Yellow 5 (Tartrazine)
इस्तेमाल: मिठाइयाँ, जैली, बिस्किट, नमकीन, केक
खतरे: अस्थमा, त्वचा पर एलर्जी, नींद में गड़बड़ी, ADD (Attention Deficit Disorder)
3. Yellow 6 (Sunset Yellow)
इस्तेमाल: डेसर्ट, पैक्ड जूस, चिप्स, बेक्ड स्नैक्स
खतरे: पेट दर्द, डायरिया, स्किन जलन, कुछ रिसर्च में कैंसर की संभावना
4. Blue 1 (Brilliant Blue)
इस्तेमाल: स्पोर्ट्स ड्रिंक्स, जेली, कैंडी
खतरे: गठिया के लक्षण, न्यूरोलॉजिकल डैमेज (ब्रेन सेल्स को नुकसान)
बच्चों के लिए क्यों ज्यादा खतरनाक हैं ये रंग?
शरीर और दिमाग विकासशील अवस्था में होते हैं – ये केमिकल उनका विकास बाधित कर सकते हैं।
कम मात्रा में भी बड़ा असर – छोटे शरीर में कम मात्रा में भी ये तत्व नुकसानदायक हो सकते हैं।
हाइपरएक्टिविटी, ध्यान की कमी और व्यवहारिक असंतुलन जैसे लक्षणों से बच्चों का मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित होता है।
बच्चों को इन खतरों से कैसे बचाएं?
फूड लेबल ज़रूर पढ़ें – E Number या डायरेक्ट कलर नाम देखकर अलर्ट हो जाएं।
घर का ताजा और पौष्टिक खाना दें – फल, सब्जियां, अनाज, दूध, दालें।
प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल करें
लाल रंग: चुकंदर, अनार
पीला रंग: हल्दी, केसर
हरा रंग: पालक, धनिया
नीला/बैंगनी: जामुन, ब्लूबेरी
रंगीन कैंडीज, कार्बोनेटेड ड्रिंक्स, और पैक्ड स्नैक्स से बचें
अगर बच्चे में बार-बार चिड़चिड़ापन, बेचैनी या नींद की समस्या दिखे – बाल रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें।
विशेषज्ञों की राय:
AIIMS, NIN और WHO जैसी संस्थाओं की रिपोर्ट्स में भी फूड कलर्स को लेकर बच्चों के स्वास्थ्य पर चिंता जताई गई है। कई देशों ने इन रंगों पर सीमाएं तय कर दी हैं, जबकि यूरोप के कुछ देशों में इनका इस्तेमाल प्रतिबंधित है।