जब अम्मा के जादू के सामने नहीं चल पाई थी PM मोदी की आंधी

punjabkesari.in Wednesday, Dec 07, 2016 - 02:03 AM (IST)

नई दिल्ली: अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) की प्रमुख एवं तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता का आज देर रात यहां अपोलो अस्पताल में निधन हो गया। जयललिता की कल शाम दिल का दौरा पडऩे के बाद से हालत नाजुक बनी हुई थी। 

मोदी भी हुए थे जयलिलता के अंदाज से प्रभावित
दक्षिण भारत में जयललिता को उनके समर्थक भगवान की तरह पूजते हैं। अम्मा के नाम से जानी जाने वाली जयललिता के प्रशंसक उन पर आंख बंद कर भरोसा करते थे। तमिलनाडु की राजनीति में 68 साल की जयललिता के करिश्माई व्यक्तित्व का अंदाजा इसी बात से भी लगाया जा सकता है कि जब 2014 लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी आंधी चल रही थी तो उन्होंने इस आंधी को अपने राज्य में प्रवेश करने नहीं दिया। सूबे में जयललिता की पार्टी को 39 में 37 सीटों पर जीत मिली थी। उनके इस अंदाज से नरेंद्र मोदी भी प्रभावित हुए।

भारतीय राजनीति में महिला सशक्तिकरण की प्रतीक थीं ‘अम्मा‘  
सिनेमा के रुपहले पर्दे से लेकर सबसे कम उम्र में तमिलनाडु की राजनीति के शिखर पर पहुंचने वाली मुख्यमंत्री जे जयललिता अपने जीवन काल में ही महिला सशक्तिकरण का न केवल प्रतीक बन गई बल्कि वह अपने जन कल्याण के कार्यों के कारण लोगों में अम्माÞ के नाम से भी मशहूर हो गई।  43 वर्ष की उम्र में मुख्यमंत्री बनने वाली जयललिता का जन्म कर्नाटक के मैसुरु (तत्कालीन मैसूर) में मांड्या जिले के मेलुरकोट गांव में 24 फरवरी 1948 को एक ‘अय्यर’ परिवार में हुआ था। उनके दादा तत्कालीन मैसूर राज्य में एक सर्जन थे। उनके जन्म के दो वर्ष बाद ही पिता जयराम का निधन हो गया। पिता की मृत्यु के पश्चात उनकी मां उन्हें लेकर बेंगलुरु चली गयीं जहां उनके नाना-नानी रहते थे। बाद में उनकी मां ने ‘संध्या’ नाम से तमिल सिनेमा में काम करना शुरू कर दिया। उन्होंने अपनी मां की फिल्मी विरासत को संभालते हुए तमिल फिल्मों की न केवल चर्चित अभिनेत्री बनीं बल्कि राजनीति में भी कदम रखने के बाद वह सफलता के सीढिय़ां चढ़ती गई और भारतीय राजनीति की Þत्रिदेवियोंÞ में से एक बन गई। 
 


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