अमेरिका में खालिस्तानी गिरोहों और अपराधियों की मिलीभगत, गैंगस्टर गुरुताज सिंह गिरफ्तार
punjabkesari.in Saturday, Jul 12, 2025 - 03:17 PM (IST)

International Desk: अमेरिका में खालिस्तानी गिरोहों और अपराधियों की मिलीभगत का खुलासा हुआ है। आज की गई गिरफ्तारियां इस बात का साफ सबूत हैं कि अमेरिका में खालिस्तानी तत्वों और अपराधी गिरोहों के बीच गहरा गठजोड़ है। इतिहास में आज़ादी की लड़ाई से जुड़ा स्टॉकटन गुरुद्वारा साहिब, जो कभी गदर आंदोलन और अंग्रेज़ी हुकूमत के खिलाफ सिखों के संघर्ष का प्रतीक था, अब खालिस्तान समर्थक संगठन सिख्स फॉर जस्टिस (SFJ) और गुरपतवंत सिंह पन्नू के नेटवर्क के कब्जे में आ गया है।
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सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि 20 अप्रैल 2025 को इसी गुरुद्वारे के पवित्र मंच से “ खालिस्तान कॉकस फाउंडेशन ” नाम का कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की मौजूदगी में हुआ और इसका संचालन कट्टर खालिस्तानी समर्थक सुरिंदर सिंह ने किया, जो Satluj TV नामक एंटी-इंडिया यूट्यूब चैनल का सह-संस्थापक भी है। इस मंच पर दाहिनी ओर निहंग वेशभूषा में गुरुताज सिंह भी साफ दिखाई दे रहा है। यही गुरुताज सिंह 28 दिसंबर 2022 को कैलिफ़ोर्निया के मर्सिड काउंटी शेरिफ़ डिपार्टमेंट द्वारा अपहरण और हथियार रखने के आरोप में पांच अन्य साथियों के साथ पकड़ा गया था।
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अब एक बार फिर गुरुताज सिंह को ICE, FBI और शेरिफ़ डिपार्टमेंट की संयुक्त कार्रवाई में गिरफ्तार किया गया है। उस पर 2.3 मिलियन डॉलर की ज़मानत रखी गई है। संभावना है कि अब खालिस्तानी गुट इन अपराधियों से अपना पल्ला झाड़ने की कोशिश करेंगे, लेकिन सच्चाई सबके सामने है। अमेरिकी एजेंसियों ने इन्हें रंगे हाथ पकड़ा है, हथियार भी बरामद हुए हैं और इनके खालिस्तानी नेटवर्क से जुड़ाव की बात जगज़ाहिर है।
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पिछले दस सालों से मीडिया में इस खतरे की तरफ ध्यान दिलाया जाता रहा है कि कैसे अपराधी तत्व खालिस्तान आंदोलन में घुसपैठ कर रहे हैं। आज की गिरफ्तारियां उसी खतरे को सच साबित करती हैं। अब साफ दिख रहा है कि कुछ लोग अपराधी गिरोहों की मदद से खालिस्तान के नाम पर अमेरिका और उत्तरी अमेरिका के बड़े गुरुद्वारों पर कब्ज़ा जमाना चाहते हैं। यह कड़वी हकीकत है। आज की गिरफ्तारियां बस शुरुआत हैं अभी और बहुत कुछ सामने आएगा। दुर्भाग्य की बात है कि अमेरिका की लोकल पुलिस एजेंसियां अभी भी इस गहरी साजिश को पूरी तरह नहीं समझ पाई हैं।