धरती के नक्शे से मिट जाएंगे दुनिया के ये शहर? इस लिस्ट में भारत के इस जगह का नाम भी शामिल
punjabkesari.in Sunday, Jul 27, 2025 - 10:14 AM (IST)

नेशनल डेस्क: धरती का 70 फीसदी हिस्सा पानी से घिरा हुआ है और यही पानी अब दुनिया के कई शहरों के अस्तित्व के लिए खतरा बनता जा रहा है। बढ़ते समुद्री जलस्तर, ग्लोबल वॉर्मिंग और ज़मीन के धंसने की वजह से आने वाले कुछ दशकों में कई बड़े शहर पूरी तरह पानी में समा सकते हैं। वैज्ञानिकों और पर्यावरण विशेषज्ञों की रिपोर्टों के अनुसार, कुछ शहर तो 2030 तक ही खतरे की सीमा पर पहुंच सकते हैं। आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ शहरों के बारे में जो अगले कुछ सालों में डूब सकते हैं और इनमें भारत का एक प्रमुख शहर भी शामिल है।
1. एम्स्टर्डम, रॉटरडम - नीदरलैंड्स के शहर खतरे में
नीदरलैंड्स के प्रमुख शहर एम्स्टर्डम और रॉटरडम समुद्र के बेहद करीब बसे हुए हैं। ये शहर पहले से ही समुद्र तल से नीचे स्थित हैं और इन्हें बचाने के लिए बड़े डाइक और वाटर मैनेजमेंट सिस्टम बनाए गए हैं। लेकिन जलवायु परिवर्तन के कारण बढ़ता समुद्री जलस्तर इन उपायों को भी चुनौती देने लगा है। अगर जलस्तर यूं ही बढ़ता रहा, तो 2050 के बाद इन शहरों का अस्तित्व खतरे में आ सकता है।
2. बसरा - इराक का पानी से घिरा शहर
इराक का प्रमुख शहर बसरा अल-अरब नदी के किनारे बसा हुआ है और इसके चारों ओर दलदली इलाके फैले हुए हैं। यह शहर समुद्री जलस्तर से बहुत कम ऊंचाई पर स्थित है। ऐसे में अगर समुद्र का पानी थोड़ा भी बढ़ता है, तो यह पूरा शहर जलमग्न हो सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यहां की जलवायु और भौगोलिक स्थिति इसे डूबने के लिए और भी संवेदनशील बना देती है।
3. न्यू ऑरलियंस - अमेरिका के मशहूर शहरों में से एक
अमेरिका का न्यू ऑरलियंस शहर नहरों और जल स्रोतों से घिरा हुआ है। यहां की ज़मीन पहले से ही समुद्र तल के बराबर या कुछ जगहों पर नीचे है। हर साल यह शहर धीरे-धीरे धंस रहा है। इसके आसपास के इलाके जैसे बिलोक्सी और जीन लैफिटे वाइल्डलाइफ प्रिजर्व पहले ही जलस्तर की वजह से खतरे में हैं। अगर इसी गति से बदलाव होता रहा, तो यह शहर 2100 तक डूब सकता है।
4. वेनिस - इटली का खूबसूरत लेकिन संकटग्रस्त शहर
वेनिस अपनी खूबसूरती के लिए पूरी दुनिया में जाना जाता है लेकिन यह शहर पानी पर ही बसा हुआ है। यहां हर साल हाई टाइड और बाढ़ जैसी स्थिति बनती है। समुद्र के जलस्तर में मामूली बढ़ोतरी भी यहां के जीवन को अस्त-व्यस्त कर देती है। वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर जलवायु परिवर्तन ऐसे ही चलता रहा, तो आने वाले दशकों में वेनिस का नाम इतिहास बन सकता है।
5. हो ची मिन्ह सिटी - वियतनाम का डूबता शहर
वियतनाम का यह प्रमुख शहर दलदली ज़मीन पर बसा है और समुद्र तल से इसकी ऊंचाई बहुत कम है। यहां के वैज्ञानिकों की रिपोर्ट के अनुसार, अगर जलवायु परिवर्तन और समुद्री जलस्तर की यही रफ्तार रही, तो हो ची मिन्ह सिटी 2030 तक पानी में डूब सकती है। यहां का इन्फ्रास्ट्रक्चर भी इतना मजबूत नहीं कि इस खतरे से निपट सके।
6. कोलकाता - भारत का एक प्रमुख शहर खतरे में
भारत का कोलकाता शहर गंगा नदी के किनारे बसा है और समुद्री स्तर के बेहद करीब है। हर साल यहां भारी बारिश के कारण बाढ़ जैसी स्थिति बन जाती है। क्लाइमेट सेंट्रल की रिपोर्ट के अनुसार, समुद्री जलस्तर में वृद्धि और निचली सतह पर स्थित होने के कारण यह शहर आने वाले दशकों में जलमग्न हो सकता है। कोलकाता का भविष्य भी अब पर्यावरणीय कदमों पर निर्भर करता है।
7. बैंकॉक - थाईलैंड की राजधानी भी खतरे में
बैंकॉक ग्लोबल वॉर्मिंग से सबसे ज्यादा प्रभावित शहरों में से एक है। यह शहर समुद्री जलस्तर से मात्र 1.5 मीटर ऊंचा है और हर साल लगभग 2-3 सेंटीमीटर की दर से नीचे धंस रहा है। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह शहर 2100 तक पानी में डूब सकता है, अगर समय रहते कारगर उपाय नहीं किए गए।
क्या हो सकता है समाधान?
इन शहरों को बचाने के लिए ज़रूरी है कि सभी देश ग्लोबल वॉर्मिंग और क्लाइमेट चेंज के खिलाफ मिलकर ठोस कदम उठाएं। कार्बन उत्सर्जन को कम करना, सतत शहरी विकास और जल संरक्षण जैसे उपायों पर तत्काल काम करना जरूरी है। साथ ही, लोगों को भी अपने स्तर पर पर्यावरण के प्रति जागरूकता दिखानी होगी।