पायलट और क्रू मेंबर उड़ती फ्लाइट में बनाते है शारीरिक संबंध? एयर होस्टेस ने किया चौंकाने वाला खुलासा
punjabkesari.in Thursday, Aug 14, 2025 - 10:56 AM (IST)

नेशनल डेस्क: जब विमान हज़ारों फीट की ऊंचाई पर यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचा रहे होते हैं, तब ज़्यादातर लोगों की नज़र खिड़की के बाहर के नज़ारों पर होती है। लेकिन एक पूर्व वरिष्ठ एयर होस्टेस ने जो खुलासा किया है, वह उस ‘खामोशी’ के पीछे की असल तस्वीर को चौंकाने वाले अंदाज़ में सामने लाता है।
कॉकपिट में रिश्तों की 'उड़ान'
सीनियर फ्लाइट अटेंडेंट सिएरा मिस्ट ने एक वायरल वीडियो में बताया कि कैसे कुछ फ्लाइट क्रू - खासकर पायलट और केबिन स्टाफ - हवाई सफर के दौरान शारीरिक संबंध बनाते हैं। उन्होंने दावा किया कि इस तरह की गतिविधियां कॉकपिट जैसी बेहद संवेदनशील जगह पर भी होती हैं- जहां आमतौर पर विमान संचालन की पूरी जिम्मेदारी होती है। यह व्यवहार विमानन की दुनिया में "माइल हाई क्लब" के नाम से जाना जाता है - जिसका तात्पर्य हवा में उड़ान के दौरान सेक्सुअल एक्ट में शामिल होना है।
नियम क्या कहते हैं?
विमान संचालन नियमों के अनुसार, उड़ान के दौरान फ्लाइट डेक (कॉकपिट) में हमेशा दो लोगों की मौजूदगी अनिवार्य होती है। जब पायलट को टॉयलेट या खाने के लिए सीट छोड़नी होती है, तो एक फ्लाइट अटेंडेंट अस्थायी रूप से उनकी जगह कॉकपिट में मौजूद रहता है। मिस्ट का दावा है कि इसी समय कुछ फ्लाइट्स में अनुचित संबंधों की शुरुआत होती है।
मैंने खुद अनुभव किया...
सिएरा मिस्ट ने खुले तौर पर कहा कि उन्होंने भी अपने कुछ शिफ्ट्स के दौरान इस तरह की 'बॉन्डिंग' का हिस्सा बनकर देखा है। हालांकि, उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि हर कोई इस तरह की हरकतों को स्वीकार नहीं करता और कई क्रू मेंबर्स इसे बेहद असहज मानते हैं।
‘अगर करना है तो कुछ बातों का रखें ध्यान’
अपने अनुभव को साझा करते हुए मिस्ट ने यह भी कहा कि यदि कोई इस तरह की गतिविधियों में शामिल होने की सोचता है, तो उन्हें कुछ बातें ज़रूर ध्यान में रखनी चाहिए:
भरोसेमंद क्रू चुनें – ऐसा कोई व्यक्ति जिसे आप अच्छी तरह जानते हों और जिसके साथ कोई गलतफहमी न हो।
उड़ान का रूट सरल हो – लॉन्ग रूट या बिजी फ्लाइट्स में जोखिम बढ़ जाता है।
पेशेवर व्यवहार बनाए रखें – यह समझना ज़रूरी है कि ऐसी हरकतें किसी की सुरक्षा या करियर को खतरे में डाल सकती हैं।
इंडस्ट्री में हलचल
इस वीडियो के सामने आने के बाद एविएशन इंडस्ट्री के भीतर बहस छिड़ गई है। जहां कुछ लोग इसे "व्यक्तिगत अनुभव" मानकर नज़रअंदाज़ कर रहे हैं, वहीं कई एयरलाइंस अपने इंटरनल ऑपरेशनल प्रोटोकॉल की समीक्षा करने में जुट गई हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर इन आरोपों में सच्चाई है, तो यह ना सिर्फ सुरक्षा का मुद्दा है, बल्कि यात्रियों के भरोसे के साथ भी बड़ा खिलवाड़ है।