गालवान घाटी में दो किमी पीछे हटे चीनी सैनिक, नई सैटेलाइट इमेज से हुआ खुलासा
punjabkesari.in Tuesday, Jul 07, 2020 - 10:28 PM (IST)
नई दिल्लीः पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन सीमा पर पिछले कुछ समय से चल रहे तनाव के बीच अब दोनों तरफ की सेनाओं ने आपसी सहमति से पीछे हट गए हैं। सैटेलाइट तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है कि चीनी सेना ने अपने टैंट पैंगोंग झील से हटा लिए हैं। भारतीय सेना के सूत्रों के मुताबिक, “इलाके में चीनी सेना ने कल से यहां बनाए अपने ढांचों को ध्वस्त करना शुरू कर दिया था। सूत्रों के अनुसार, दोनों पक्ष विवाद वाली जगह से एक से डेढ़ किमी पीछे जाएंगे। दोनों सेनाओं के पीछे हटने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद आगे की वार्ता आयोजित होने की संभावना है।"
दरअसल चीन लगातार सीमा पर हेकड़ी दिखा रहा था और मनमानी कर रहा था, लेकिन भारत के सख्त रुख ने उसे झुकने पर मजबूर कर दिया। भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच रविवार को हुई बातचीत के बाद नतीजा भी सामने आया। इस बातचीत के बाद सोमवार को चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने अपने कदम पीछे खींच लिए। सूत्रों का कहना है कि इतने दिनों से लगातार आक्रामक रुख अपनाए चीन का यह फैसला भारत के जवाबी आक्रामक रुख को देखते हुए आया है।
Under the mutual disengagement, both sides will disengage and move back by 1-1.5 km from the friction points. The two Armies are likely to hold further talks after the disengagement process is completed: Indian Army Sources
— ANI (@ANI) July 7, 2020
हालांकि अभी यह कहना मुश्किल है कि चीनी सेना कितनी पीछे हटी है। इसका सटीक तौर पर पता वेरिफिकेशन प्रक्रिया में ही चल पाएगा। सूत्रों का कहना है कि चीन की ओर से सैनिकों को कम करने की प्रक्रिया पर भारत पूरी नजर रखेगा। ऐसा 15 जून को गलवां क्षेत्र में दोनों सेनाओं के बीच हुई हिंसक झड़प को देखते हुए किया जाएगा। यह झड़प इसलिए हुई थी क्योंकि चीन ने दोनों देशों के बीच छह जून को हुई सहमति को मानने से इनकार कर दिया था और अपने सैनिक पीछे नहीं हटाए थे। इस बार भारत कोई जोखिम लेने के लिए तैयार नहीं है।
सूत्र बताते हैं कि पैंगोंग त्सो के फिंगर क्षेत्र से चीनी सेना के पीछे हटने की अभी कोई जानकारी नहीं मिली है। यहां फिंगर-4 से फिंगर-8 तक चीनी सेना ने बड़े स्तर पर जमावड़ा कर रखा है। एलएसी पर जमावड़ा कम करने के लिए दोनों सेनाओं के कोर कमांडर स्तर पर 30 जून को लंबी बातचीत हुई थी।
इसमें चरणवार तनाव खत्म करने के लिए जरूरी कदम उठाने पर सहमति बनी थी। लेफ्टिनेंट जनरल स्तर पर पहले चरण की बातचीत छह जून को हुई थी। इसमें दोनों ओर से सहमति बनी थी कि तनातनी वाले स्थानों से सेनाओं को पीछे हटाया जाएगा, हालांकि गलवां घाटी में पीपी-14 पर दोनों सेनाओं के बीच झड़प से हालात और बिगड़ गए। तीन दिन पूर्व शुक्रवार को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लद्दाख का दौरा कर सैनिकों को संबोधन के माध्यम से चीन को कड़ा संदेश दिया था।