भारतीय महिलाओं से चीनी साइबर क्रिमिनल्स करवा रहे हैं ब्लैकमेलिंग, न्यूड कॉल करने के लिए कर रहे मजबूर
punjabkesari.in Wednesday, Jul 10, 2024 - 09:43 AM (IST)

नेशनल डेस्क: चीनी साइबर क्रिमिनल्स कंबोडिया भेजी गईं भारतीय महिलाओं से जबरदस्ती न्यूड कॉल करवाकर ब्लैकमेलिंग करवा रहे हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, इन महिलाओं से लोगों को हनीट्रैप में फंसाने का काम करवाया जा रहा है। तेलंगाना के रहने वाले मुंशी प्रकाश ने इस मामले का भंडाफोड़ किया है, जो खुद भी इस फ्रॉड का शिकार हो चुके हैं।
मुंशी प्रकाश एक आईटी कंपनी में काम करते थे। उन्होंने विदेश में नौकरी पाने के लिए एक जॉब साइट पर अपनी प्रोफाइल अपलोड की थी। एक दिन कंबोडिया के एजेंट विजय ने उन्हें ऑस्ट्रेलिया में नौकरी का ऑफर दिया और ट्रैवल हिस्ट्री के बहाने मलेशिया का टिकट थमा दिया। मुंशी 12 मार्च को क्वालालंपुर पहुंचे, वहां से उन्हें नोम पेन्ह ले जाया गया। विजय के एक आदमी ने उनसे 85 हजार अमेरिकी डॉलर ले लिए और उनका पासपोर्ट जब्त कर लिया।
इसके बाद मुंशी को क्रोंग बावेट के एक परिसर में ले जाया गया, जहां पहले से कई भारतीय फंसे हुए थे। वहां पर उन्हें भारतीय भाषाओं में लड़कियों की नकली प्रोफाइल बनाने और उनका उपयोग करने की ट्रेनिंग दी गई। चीनी गैंग ने उन्हें एक सप्ताह तक अंधेरे कमरे में बंद कर टॉर्चर किया। मुंशी ने किसी तरह अपना सेल्फ वीडियो रिकॉर्ड कर चेन्नै में रह रही अपनी बहन को भेज दिया। इसके बाद उनकी बहन ने भारतीय दूतावास को सूचित किया, जिसके परिणामस्वरूप 16 अप्रैल को कंबोडिया की पुलिस ने उनका रेस्क्यू किया।
चीनी गैंग के फर्जी केस के कारण मुंशी को कंबोडिया की जेल में डाला गया, लेकिन 12 दिन बाद उन पर लगे आरोप फर्जी पाए गए और वे 5 जुलाई को वापस दिल्ली पहुंचे। मुंशी के साथ 9 अन्य लोगों की भी जान बचाई गई। उन्होंने बताया कि अभी भी कंबोडिया में लगभग 3 हजार भारतीय फंसे हुए हैं, जिनमें लड़कियां भी शामिल हैं।
इस घटना ने विदेशों में नौकरी के बहाने फंसाने वाली साइबर क्रिमिनल्स की काली करतूतों को उजागर किया है। भारतीय प्रशासन ने इस मामले में तत्परता दिखाते हुए अपने नागरिकों की मदद की, लेकिन अभी भी कई भारतीयों को वहां से रेस्क्यू करना बाकी है।