बच्चों में है इस खतरनाक बीमारी का सबसे ज्यादा खतरा, रिसर्च में हुआ बड़ा खुलासा
punjabkesari.in Monday, Nov 17, 2025 - 04:49 PM (IST)
नेशनल डेस्क : हाई ब्लड प्रेशर (Hypertension) वह स्थिति है जिसमें धमनी की दीवारों पर खून का दबाव बढ़ जाता है। इससे हार्ट को खून पंप करने में अधिक मेहनत करनी पड़ती है और लंबी अवधि में हृदय रोग, स्ट्रोक और किडनी की बीमारियों का खतरा बढ़ता है। आमतौर पर हाई बीपी के कोई खास लक्षण नहीं होते, इसलिए इसे 'साइलेंट किलर' भी कहा जाता है।
बच्चों में हाई बीपी बढ़ी चिंता का कारण
द लैंसेट चाइल्ड एंड एडोलसेंट हेल्थ जर्नल में पब्लिश रिसर्च के अनुसार, 19 साल से कम उम्र के बच्चों और टीनएजर्स में हाई ब्लड प्रेशर की दर 2000 में 3.2 प्रतिशत से बढ़कर 2020 में 6.2 प्रतिशत हो गई है। इसका मतलब केवल 20 साल में केस लगभग दोगुने हो गए। शोध में यह भी पाया गया कि 8.2 प्रतिशत बच्चे प्री-हाइपरटेंशन की स्थिति में हैं, यानी बीपी सामान्य से अधिक है, लेकिन हाई नहीं हुआ।
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मुख्य कारण: मोटापा और जीवनशैली
स्टडी में बच्चों में हाई बीपी बढ़ने का सबसे बड़ा कारण मोटापा बताया गया है। इसके अलावा गलत खानपान और फिजिकल एक्टिविटी की कमी भी इसका प्रमुख कारण हैं। रिसर्चर डॉ. पेइगे सोंग के अनुसार, मोटापे से प्रभावित करीब 19 प्रतिशत बच्चे हाई बीपी से जूझ रहे हैं, जबकि स्वस्थ वजन वाले बच्चों में यह आंकड़ा 3 प्रतिशत से भी कम है।
कौन अधिक प्रभावित हो सकता है?
14 साल के आसपास के लड़के और टीनएजर्स हाई बीपी के लिए अधिक जोखिम में हैं। बच्चों में उच्च बीपी अगर बचपन से बढ़ना शुरू हो जाए तो भविष्य में हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है।
मोटापा और हाई बीपी रोकने के उपाय
डॉ. पेज सॉन्ग के अनुसार, मोटापे पर नियंत्रण ही हाई बीपी रोकने का सबसे प्रभावी तरीका है। माता-पिता बच्चों को फल, सब्जियां और होल ग्रेन वाली संतुलित डाइट दें। नमक और चीनी कम करें, स्क्रीन टाइम घटाएं, और फिजिकल एक्टिविटी बढ़ाएं। जिन परिवारों में हाई बीपी की हिस्ट्री है, वहां बच्चों की नियमित स्क्रीनिंग कराना जरूरी है।
