30 साल की दोस्ती का कत्ल! बेस्ट फ्रेंड की बीवी से हुआ प्यार, फिर जो हुआ उसने सबको चौंका दिया
punjabkesari.in Thursday, Aug 14, 2025 - 01:33 PM (IST)

नेशनल डेस्क: बचपन की दोस्ती, साथ खेलना-कूदना, बड़े होना और जिंदगी की हर मुश्किल में कंधे से कंधा मिलाकर चलना — बेंगलुरु के विजय कुमार और धनंजय की दोस्ती ऐसी ही थी, जिसे लोग जय-वीरू की जोड़ी कहकर पुकारते थे। मगर किसे पता था कि यही दोस्ती एक दिन धोखे और खून में बदल जाएगी।
दोस्ती में दरार, एक औरत की एंट्री
विजय ने करीब 10 साल पहले आशा नाम की महिला से शादी की थी। दोनों सुंकदकट्टे इलाके में रहते थे। विजय रियल एस्टेट और फाइनेंस से जुड़ा काम करता था, जबकि आशा गृहिणी थी। सबकुछ ठीक चल रहा था, लेकिन समय के साथ विजय को पत्नी आशा के व्यवहार पर शक होने लगा — खासकर उसके सबसे पुराने दोस्त धनंजय के साथ बढ़ती नजदीकियों पर।
एक दिन विजय ने दोनों को आपत्तिजनक स्थिति में रंगे हाथ पकड़ लिया। साथ ही उसके हाथ कुछ तस्वीरें और चैट्स लगीं, जिनसे उसे यकीन हो गया कि उसकी पत्नी और सबसे अच्छे दोस्त ने उसे धोखा दिया है।
रिश्ता बचाने की कोशिश और फिर एक खौफनाक साजिश
विजय ने अपनी शादी को बचाने की कोशिश की। वह आशा को लेकर माछोहल्ली में एक किराए के मकान में शिफ्ट हो गया ताकि नई शुरुआत हो सके। लेकिन रिश्तों में आई दरार और बढ़ती चली गई। झगड़े रुकने का नाम नहीं ले रहे थे। इसी बीच आशा और धनंजय ने मिलकर एक ऐसा प्लान बनाया जो विजय की जिंदगी को खत्म करने वाला था।
माछोहल्ली में मिली लाश
कुछ दिन बाद विजय की लाश डी-ग्रुप लेआउट, माछोहल्ली में मिली। पुलिस को शुरुआती जांच में पता चला कि उस पर दो अज्ञात हमलावरों ने हमला किया था। लेकिन जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ी, सच्चाई सामने आने लगी।
पत्नी ने ही की प्लानिंग, दोस्त ने दिया साथ
पुलिस की गहन जांच में सामने आया कि इस हत्या के पीछे खुद उसकी पत्नी आशा और उसका दोस्त धनंजय थे। आशा को हिरासत में ले लिया गया है, जबकि धनंजय अभी भी फरार है। पुलिस उसकी तलाश में जगह-जगह छापेमारी कर रही है।
केस अब भी खुला
बेंगलुरु पुलिस इस मामले को गंभीरता से देख रही है। यह सिर्फ एक हत्या नहीं, बल्कि एक ऐसी कहानी है जिसमें मोहब्बत, धोखा, दोस्ती और हत्या - सब कुछ शामिल है। 30 साल की दोस्ती और 10 साल का रिश्ता, एक झूठे प्यार के आगे हार गया। बेंगलुरु की यह कहानी एक बार फिर ये सवाल खड़ा करती है - सबसे बड़ा ज़हर विश्वासघात होता है।