चिदंबरम पर राज्यसभा के सभापति का अपमान करने का आरोप, पीयूष गोयल बोले- माफी मांगे कांग्रेस नेता

punjabkesari.in Wednesday, Jul 26, 2023 - 05:28 PM (IST)

नेशनल डेस्क: राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल ने बुधवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने "बौद्धिकता'' की आड़ में सभापति जगदीप धनखड़ का अपमान किया और उन्हें इसके लिए माफी मांगनी चाहिए। उच्च सदन में चिदंबरम ने सभापति धनखड़ से सवाल किया कि मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर किसी भी प्रश्न का उत्तर क्यों नहीं दिया गया या सदन में उठाए जाने के लिए ऐसे सवालों को क्यों नहीं स्वीकार किया जा रहा है।

जानें चिदंबरम ने क्या कहा?
चिदंबरम ने प्रश्नकाल के दौरान कहा कि प्रश्नों को दो श्रेणियों- तारांकित और अतारांकित में वर्गीकृत किया गया है और उन्हें कई सदस्यों ने बताया कि मणिपुर से जुड़े प्रश्नों को न तो स्वीकार किया गया है और न ही लिखित उत्तर दिया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने आपके और लोकसभाध्यक्ष द्वारा स्थापित प्रिज्म (संसद सदस्यों हेतु संसदीय शोध एवं सूचना सम्बन्धी सहायता) से सवाल किया कि 20 जुलाई को संसद सत्र शुरू होने के बाद से आज तक उस विषय पर कितने प्रश्न स्वीकार किए गए और उत्तर दिए गए हैं। उत्तर ने मुझे चकित कर दिया। एक भी प्रश्न स्वीकार नहीं किया गया और वह विषय है-मणिपुर।''

चिदंबरम को माफी मांगनी चाहिए
चिदंबरम की इस टिप्पणी पर सभापति ने कहा कि वह समझ नहीं पा रहे हैं कि कांग्रेस सदस्य क्या बात कह रहे हैं या उन्हें कोई शिकायत है। इस पर गोयल ने चिदंबरम की टिप्प्णी को ''बहुत दुर्भाग्यपूर्ण'' करार देते हुए कहा कि एक सदस्य आसन पर टिप्पणी कर आक्षेप लगा रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘आसन को विवाद में घसीटा गया है...इसके लिए चिदंबरम को माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने आसन के फैसले पर सवाल उठाए हैं।'' सभापति धनखड़ ने कहा, "मैंने रिकॉर्ड देखा है। मैंने ऑडियो भी सुना, कल चिदम्बरम ने जो कहा, और बाद में जो कहा, दोनों मेल नहीं खाते... मुझे पूरा भरोसा है कि जब उनके कद के कोई वरिष्ठ सदस्य, उनकी पृष्ठभूमि - पेशेवर और राजनीतिक - और वरिष्ठ मंत्री के रूप में, इस तरह की टिप्पणी करते हैं तो क्या रास्ता हो सकता है।

'ये लोग प्रश्न पूछने के बाद भाग जाते हैं'
मैं सदस्यों से भी मार्गदर्शन चाहूंगा।'' धनखड़ ने मंगलवार को आसन के खिलाफ ''असंयमित'' शब्दों के चयन को लेकर चिदंबरम पर निशाना साधा था। चिदंबरम ने सवाल किया था कि आसन नियम 267 के तहत दिए गए नोटिस को प्राथमिकता क्यों नहीं दे रहे हैं। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भी उच्च सदन की गरिमा का मुद्दा उठाया और कहा कि सदस्यों द्वारा अपने पूरक प्रश्न नहीं पूछने को "असंवैधानिक और अलोकतांत्रिक'' बताया। उन्होंने कहा कि सरकार सभी मुद्दों पर सवालों का जवाब देने के लिए तैयार है। उन्होंने विपक्षी सदस्यों पर हमला करते हुए कहा, "ये लोग प्रश्न पूछने के बाद भाग जाते हैं और अपना चेहरा छिपा लेते हैं...। "


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Content Editor

rajesh kumar

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