अमेरिका की सबसे शक्तिशाली नगर परिषद में CAA मुद्दे पर भारत विरोधी प्रस्ताव खारिज

punjabkesari.in Thursday, Mar 25, 2021 - 10:14 AM (IST)

न्यूयार्कः अमेरिका में न्यूयार्क के बाद सबसे शक्तिशाली नगर परिषदों में से एक शिकागो नगर परिषद नेभारत के संशोधित नागरिकता कानून (CAA) एवं मानवाधिकार के मुद्दे पर आलोचना वाले  प्रस्ताव को खारिज कर दिया  शिकागो की महापौर लोरी लाइटफुट ने बुधवार को पत्रकारों से कहा, ‘‘ परिषद के कई सदस्य मतदान (प्रस्ताव के समर्थन में) करने में असहज महसूस कर रहे थे क्योंकि हम नहीं जानते कि भारत में जमीनी स्तर पर वास्तव में क्या हो रहा है।'' भारत की आलोचना करने वाले प्रस्ताव को 18 के मुकाबले 26 मतों से अस्वीकार कर दिया गया।

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लाइटफुट ने कहा कि यह संघीय बाइडेन प्रशासन का काम है कि वह ऐसे मुद्दे पर टिप्पणी करे या निर्णय ले न कि स्थानीय शहर सरकार का। महापौर ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘ नगर परिषद में प्रस्ताव को लेकर जो आपने अनिच्छा देखी उसकी वजह यह थी कि कई सदस्यों का मानना है कि मामले पर पर्याप्त जानकारी नहीं है।'' उन्होंने कहा कि शिकागो के सामने अपनी ही कई समस्याएं हैं। लाइटफुट ने कहा, ‘‘मैं यह कहना चाहूंगी कि शिकागो के महापौर पद पर बैठ कर बाइडेन प्रशासन ने आगे नहीं जा सकती।'' परिषद के सदस्य रेमंड ए लोपेज ने प्रस्ताव को विभाजनकारी करार देते हुए कहा, ‘‘ मैं इसका समर्थन नहीं कर सकता, यह बहुत ही विभाजनकारी है।''

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उन्होंने कहा, ‘‘मेरे कार्यालय से हजारों लोगों ने संपर्क किया और कड़ाई से इस प्रस्ताव का विरोध किया। भारत के महावाणिज्य दूत ने भी मुझसे संपर्क किया। यह बताता है कि वृहद समुदाय एवं वृहद चर्चा पर इसका कितना प्रभाव है। मैंने अपने सहयोगी से कहा कि वे इसके पक्ष में मतदान नहीं करें।'' माना जा रहा है कि प्रस्ताव के पेश होने से पहले शिकागो स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास ने शहर के महापौर एवं शिकागो नगर परिषद के सभी 50 सदस्यों से संपर्क किया था। सदस्य जॉर्ज ए कार्डनेस ने सवाल किया कि अगर भारत पर शिकागो के नगर परिषद में चर्च हो सकती है तो चीन में उइगर के सफाए पर क्यों नहीं। उन्होंने कहा, ‘‘क्यों नहीं इजारइल-फलस्तीन चर्चा हो सकती?

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नाइजरिया में महिलाओं का बोको हरम द्वारा उत्पीड़न पर चर्चा कैसी रहेगी? अगर हम इस तरह के मुद्दे पर जाएंगे तो कई वैश्विक मुद्दे हैं। हमारे घर में कई महत्वपूर्ण मुद्दे है जिसपर हमे ध्यान देने की जरूरत है। हम एकजुट समुदाय हैं।'' शिकागो के प्रमुख भारतीय अमेरिकी डॉक्टर भरत बराई ने परिषद के फैसले का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि इस प्रस्ताव के पीछे काउंसिल ऑन अमेरिकन इस्लामिक रिलेशन है और उसकी भूमिका की जांच की जानी चाहिए। इस प्रस्ताव को परिषद की सदस्य मारिया हैड्डन ने प्रायोजित किया था। उनका कहना था कि प्रस्ताव दक्षिण एाशियाई सहयोगियों से मिली जानकारी पर आधारित है।


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Content Writer

Tanuja

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