कंचनजंघा एक्सप्रेस की निर्धारित दिशा में परिवर्तन कुछ लोगों के लिए दुखद रहा तो कुछ के लिए भाग्यशाली

punjabkesari.in Monday, Jun 17, 2024 - 09:13 PM (IST)

नेशनल डेस्क : अगरतला-सियालदह कंचनजंघा एक्सप्रेस के पहले और आखिरी कोच में बैठे यात्रियों के लिए सोमवार को असम के लामडिंग स्टेशन पर हुई एक निर्धारित परिचालन प्रक्रिया जीवन बदलने वाली घटना साबित हुई। पश्चिम बंगाल में न्यू जलपाईगुड़ी के पास रंगापानी में एक्सप्रेस ट्रेन को एक मालगाड़ी ने पीछे से टक्कर मार दी। असम के लामडिंग में दिशा बदलने की प्रक्रिया के तहत जो डिब्बे पहले आगे थे, वे ट्रेन के पिछले हिस्से में आ गए।

PunjabKesari

सामान्य सीटिंग कोच सबसे अधिक प्रभावित 
ट्रेन के बीच में स्थित स्लीपर कोच में बैठे एक यात्री ने कहा, ‘‘ ट्रेन के प्रभावित डिब्बे लामडिंग तक आगे की ओर थे।''यात्री ने बताया कि दिशा बदलने के बाद, प्रभावित चार कोच - एक सामान्य सीटिंग कोच, दो पार्सल वैन और एक गार्ड वैन - पीछे के छोर पर थे। उन्होंने कहा कि दुर्घटना में सामान्य सीटिंग कोच सबसे अधिक प्रभावित हुआ, जो बगल की पटरियों पर जा गिरा। दुर्घटना के बाद ट्रेन के क्षतिग्रस्त डिब्बों में से एक के पास खड़े यात्री ने कहा, ‘‘ हमारी ट्रेन जब न्यू जलपाईगुड़ी से कुछ किलोमीटर दूर रंगापानी पहुंची तो उसकी गति बहुत धीमी थी।''

एक्सप्रेस ट्रेन धीमी गति से चल रही थी...
ट्रेन के एक अन्य यात्री ने बताया कि अचानक तेज झटका लगा और तेज आवाज के साथ ट्रेन अचानक रुक गई। उतरने पर उसने देखा कि मालगाड़ी ने पीछे से उनकी ट्रेन को टक्कर मार दी थी। उन्होंने कहा, ‘‘ हम चाय पी रहे थे कि तभी अचानक ट्रेन झटके के साथ रुक गई।'' अपने परिवार के साथ यात्रा कर रही एक गर्भवती महिला ने बताया कि टक्कर लगने से वह अपनी सीट से नीचे गिर गई। अपने परिवार के साथ वातानुकूलित स्लीपर कोच में बैठी हुई महिला ने कहा, ‘‘ऐसा लगा जैसे भूकंप आ गया हो। हमें खुद को संभालने और यह समझने में कुछ समय लगा कि आखिर हुआ क्या था।'' दुर्घटना के बाद सबसे पहले बचाव कार्य शुरू करने वालों में से एक स्थानीय व्यक्ति ने बताया कि एक्सप्रेस ट्रेन धीमी गति से चल रही थी, तभी तेज गति से आ रही मालगाड़ी ने पीछे से उसमें टक्कर मार दी।

PunjabKesari

खराब मौसम के बावजूद बचाव कार्य जारी रहा
दुर्घटना स्थल का दौरा करते हुए दार्जिलिंग के सांसद राजू बिस्ता ने कहा कि खराब मौसम के बावजूद बचाव कार्य जारी रहा। उन्होंने कहा, ‘‘हमारी प्राथमिक चिंता प्रभावित यात्रियों की मदद करना है। ''दुर्घटना स्थल का दौरा करने वाले सिलीगुड़ी के महापौर गौतम देब ने यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ट्रेनों में टक्कर रोधी उपकरणों की आवश्यकता पर बल दिया।

गौतम देब ने कहा, ‘‘बुलेट ट्रेनों पर भारी धनराशि खर्च करने के बजाय ट्रेनों में सुरक्षा उपकरण लगाना प्राथमिकता होनी चाहिए। '' पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले में सोमवार को सुबह एक मालगाड़ी की टक्कर लगने के कारण सियालदह जाने वाली कंचनजंघा एक्सप्रेस के पीछे के तीन डिब्बे पटरी से उतर गए, जिससे कम से कम 15 यात्री मारे गए और 60 अन्य घायल हो गए।

 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Utsav Singh

Related News