Spam Call से छुटकारा, सरकार ने उठाया बड़ा कदम
punjabkesari.in Wednesday, Oct 23, 2024 - 04:59 PM (IST)
नेशनल डेस्क : भारत सरकार ने एक नया स्पैम-ट्रैकिंग सिस्टम पेश किया है, जो इंटरनेशनल कॉल्स को पहचानकर उन्हें ब्लॉक करने की क्षमता रखता है। इस सिस्टम का नाम ‘इंटरनेशनल इनकमिंग स्पूफ्ड कॉल्स प्रिवेंशन सिस्टम’ है, और इसे दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने लॉन्च किया है। यह प्रणाली फर्जी कॉल्स से सुरक्षा प्रदान करने और उपभोक्ताओं को ठगी से बचाने में मदद करेगी।
साइबर अपराध का नया तरीका
साइबर अपराधी इंटरनेशनल कॉल्स को भारतीय स्थानीय नंबर (+91-xxxxxxxxx) के रूप में दिखाते हैं। वे कॉलिंग लाइन आइडेंटिटी (CLI) में हेर-फेर करके फर्जी कॉल को भारत से आने वाले कॉल के रूप में पेश करते हैं, जबकि असल में ये कॉल विदेश से आ रही होती हैं। इन अपराधियों का लक्ष्य होता है कि वे विक्टिम का विश्वास भारत के स्थानीय नंबर के जरिए जीत लें। इसके बाद, वे मालवेयर से जुड़े उद्देश्यों को पूरा करने की कोशिश करते हैं और विक्टिम की संवेदनशील और वित्तीय जानकारियां हासिल करने की कोशिश करते हैं। साइबर अपराधी अक्सर विक्टिम को डराते हैं, उन्हें गैरकानूनी गतिविधियों से जुड़े होने का आरोप लगाते हैं। इससे विक्टिम गिरफ्तारी के डर से कॉलर को पैसे देने के लिए मजबूर हो जाता है।
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फर्जी कॉल्स के खिलाफ सरकार का कदम
सरकार का कहना है कि इन फर्जी कॉल्स का इस्तेमाल वित्तीय धोखाधड़ी, सरकारी अधिकारियों के नाम पर डराने-धमकाने के लिए किया जाता है। दूरसंचार विभाग ने बताया कि उन्होंने ऐसे कई मामलों का सामना किया है, जैसे:
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फर्जी डिजिटल अरेस्ट
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कूरियर में ड्रग्स मिलने की धमकी
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पुलिस अधिकारी बनकर ठगी करना
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सिस्टम की प्रभावशीलता
नया स्पैम-ट्रैकिंग सिस्टम फर्जी नंबरों को पहचानकर उन्हें ब्लॉक कर देता है, इससे पहले कि साइबर अपराधी विक्टिम तक पहुंच सकें। सरकार के अनुसार, इस सिस्टम ने पिछले 24 घंटों में लगभग 1.35 करोड़ कॉल्स को स्पूफ कॉल के रूप में पहचानकर ब्लॉक किया है। यह कुल आने वाली इंटरनेशनल कॉल्स का लगभग 90% है।
उपभोक्ताओं को मिलेगा लाभ
इस नए सिस्टम के साथ, भारतीय दूरसंचार उपभोक्ताओं को +91-xxxxxxx नंबरों से आने वाली फर्जी कॉल्स में कमी देखने को मिलेगी। इससे न केवल लोगों की सुरक्षा बढ़ेगी, बल्कि धोखाधड़ी के मामलों में भी कमी आएगी। यह प्रणाली उपभोक्ताओं को सुरक्षित अनुभव प्रदान करेगी और साइबर अपराधियों के प्रयासों को नाकाम कर देगी। इस कदम से आम जनता को ठगी के मामलों से बचाने में मदद मिलेगी।