संघर्ष विराम समझौते पर लेफ्टिनेंट जनरल जोशी बोले, आतंकवाद विरोधी अभियानों पर नहीं पड़ेगा कोई असर

punjabkesari.in Saturday, Feb 27, 2021 - 05:43 PM (IST)

नेशनल डेस्क: सेना की उत्तरी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल वाई के जोशी ने शनिवार को कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर संघर्ष विराम समझौते का कड़ाई से पालन करने पर बनी सहमति से जम्मू कश्मीर में आतंकवाद विरोधी अभियानों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि दो केन्द्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर और लद्दाख की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालने वाली उत्तरी कमान काफी सतर्क है और सीमा पर चुनौतीपूर्ण स्थितियों का सामना करते हुए इसके कर्मियों ने अपनी बहादुरी, धैर्य और दृढ़ संकल्प के जरिये असंभव दिखने वाले काम को भी संभव बनाया है।

लेफ्टिनेंट जनरल जोशी ने यहां उत्तरी कमान के अलंकरण समारोह में कहा, ‘हाल में भारत और पाकिस्तान के सैन्य अभियान महानिदेशकों (डीजीएमओ) ने 24-25 फरवरी की मध्य रात्रि से नियंत्रण रेखा एवं सभी अन्य क्षेत्रों में संघर्ष विराम समझौतों, और आपसी सहमतियों का सख्ती से पालन करने पर सहमति जताई थी। मैं आश्वस्त करना चाहता हूं कि इस संघर्ष विराम का आतंकवाद विरोधी अभियानों पर कोई असर नहीं पड़ेगा और हम अपनी सतर्कता बनाए रखेंगे।' समारोह के दौरान सैन्य कमांडर ने देश के प्रति उत्कृष्ट सेवा के लिये 26 इकाइयों के 61 सैन्यकर्मियों को वीरता एवं विशिष्ट सेवा पुरस्कार तथा प्रशस्ति पत्र प्रदान किये।

एक ढाल की तरह खड़ी है उत्तरी कमान
लेफ्टिनेंट जनरल जोशी ने कहा, ‘उत्तरी कमान हमेशा हमारे पड़ोसी देशों द्वारा अशांति फैलाने के प्रयासों के खिलाफ एक ढाल की तरह खड़ी रही है और कमान भविष्य में भी ऐसा करना जारी रखेगी। जब भी कोई हमारे देश पर बुरी नजर डालता है, भारतीय सेना ने उसका दृढ़ता से जवाब दिया है।' चीन और पाकिस्तान का नाम लिये बगैर उन्होंने कहा कि भारतीय सेना ने पड़ोसी देशों के साथ अपनी सीमाओं पर अपना प्रभुत्व बनाए रखा है और आंतरिक इलाकों में शांति बनाए रखने में मदद की है। चीनी सेना के साथ पूर्वी लद्दाख में गतिरोध का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय सेना ने 2020 में चुनौतीपूर्ण स्थिति के दौरान वास्तविक नियंत्रण रेखा पर बर्फ से ढके पहाड़ों पर चुनौती खड़ी की और सबसे अधिक सतर्कता बनाए रखी।

आतंकवादी घटनाओं, पथराव की गतिविधियों में हुई कमी
उन्होंने कहा कि 2020 सेना के लिए कई मायनों में ऐतिहासिक था, जिसने पूर्वी लद्दाख में अपने धैर्य, दृढ़ संकल्प, आत्मविश्वास, बहादुरी और दृढ़ता के साथ हर चुनौती का मुकाबला किया। उन्होंने कहा कि बुनियादी तैनाती और तैयारियों में जबरदस्त सुधार हुआ है और इस दिशा में प्रयास जारी रहेंगे। कश्मीर के संबंध में उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष स्थिति में कुल मिलाकर जबरदस्त सुधार हुआ है क्योंकि आतंकवादी घटनाओं, पथराव की गतिविधियों और विरोध प्रदर्शन में कमी आई है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस महामारी का मुकाबला करने में सेना ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।


 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

rajesh kumar

Recommended News

Related News