दिल्ली शराब घोटाले में नया मोड़, CBI ने ED के सहायक डायरेक्टर पवन खत्री समेत इन लोगों के खिलाफ दर्ज की FIR
punjabkesari.in Monday, Aug 28, 2023 - 09:17 PM (IST)

नेशनल डेस्कः दिल्ली शराब घोटाले में नया मोड़ आ गया है। सीबीआई ने शराब कारोबारी अमनदीप ढल द्वारा पांच करोड़ रुपये के कथित भुगतान के संबंध में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सहायक निदेशक पवन खत्री के खिलाफ FIR दर्ज की है। ढल दिल्ली आबकारी नीति घोटाला मामले में कथित तौर पर मदद चाहता था। यह जानकारी अधिकारियों ने दी। अधिकारियों ने बताया कि इन दोनों के साथ, सीबीआई ने एअर इंडिया के एक सहायक महाप्रबंधक दीपक सांगवान, क्लेरिजेस होटल्स एंड रिसॉर्ट्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) विक्रमादित्य, चार्टर्ड अकाउंटेंट प्रवीण कुमार वत्स और दो अन्य - ईडी में एक यूडीसी नितेश कोहर और बीरेंद्र पाल सिंह को भी नामजद किया है।
सीबीआई की यह कार्रवाई प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की एक शिकायत पर शुरू की गई थी, जिसने दिल्ली सरकार की आबकारी नीति घोटाले की अपनी जांच के दौरान पाया कि मामले के आरोपी अमनदीप ढल और उसके पिता बीरेंद्र पाल सिंह ने पांच करोड़ रुपये की रिश्वत चार्टर्ड अकाउंटेंट प्रवीण वत्स को ईडी जांच में मदद की व्यवस्था करने के लिए दी थी। उन्होंने बताया कि वत्स ने ईडी को बताया कि सांगवान ने दिसंबर 2022 में उसे खत्री से मिलवाया था।
अधिकारियों के अनुसार, वत्स ने कहा कि उसने आरोपियों की सूची से ढल का नाम हटाने के लिए दिसंबर 2022 में वसंत विहार में आईटीसी होटल के पीछे एक पार्किंग स्थल पर सांगवान और खत्री को 50 लाख रुपये का अग्रिम भुगतान किया था। अधिकारियों ने बताया कि ईडी ने अपनी जांच सीबीआई को सौंपी, जिसके आधार पर केंद्रीय जांच एजेंसी ने एक मामला दर्ज किया।
फरवरी में सिसोदिया को किया था गिरफ्तार
सीबीआई ने सिसोदिया ‘‘घोटाले'' में उनकी कथित भूमिका के लिए पहली बार 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था और तब से वह हिरासत में हैं। उन्होंने 28 फरवरी को दिल्ली मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। हाईकोर्ट ने 30 मई को आबकारी नीति मामले में मनीष सिसोदिया को जमानत देने से इनकार कर दिया था।
हाईकोर्ट ने तीन जुलाई को आबकारी नीति से जुड़े कथित घोटाले से संबंधित धन शोधन के मामले में सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। हाईकोर्ट ने अपने 30 मई के आदेश में कहा था कि चूंकि कथित घोटाले के वक्त सिसोदिया ‘‘उच्च पद पर आसीन'' थे तो वह यह नहीं कह सकते कि इसमें उनकी कोई भूमिका नहीं थी। हाईकोर्ट ने कहा था कि उनकी पार्टी अब भी राष्ट्रीय राजधानी में सत्ता में है और 18 विभाग संभाल चुके सिसोदिया का अब भी प्रभाव है और चूंकि ज्यादातर गवाह सरकारी सेवक हैं तो उन्हें प्रभावित किए जाने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है।
हाईकोर्ट ने ठुकराई जमानत याचिका
अदालत ने कहा था कि आरोप बहुत गंभीर प्रकृति के हैं कि आबकारी नीति ‘साउथ ग्रुप' के इशारे पर उन्हें अनुचित लाभ देने के लिए गलत इरादे से बनाई गई थी। इस तथाकथित ‘साउथ ग्रुप' में राजनीतिज्ञ, व्यवसायी और अन्य लोग शामिल हैं। इन लोगों में तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी एवं भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) नेता के. कविता भी शामिल हैं। सीबीआई ने अब रद्द की जा चुकी दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 में कथित भ्रष्टाचार के सिलसिले में कई दौर की पूछताछ के बाद सिसोदिया को गिरफ्तार किया था। सिसोदिया ने अदालत में निचली अदालत के 31 मार्च के आदेश को चुनौती दी थी।
अदालत ने सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा था कि सिसोदिया इस मामले में आपराधिक साजिश के प्रथमदृष्टया ‘‘सूत्रधार'' थे और उन्होंने दिल्ली सरकार में अपने तथा अपने सहयोगियों के लिए लगभग 90-100 करोड़ रुपये की अग्रिम रिश्वत के कथित भुगतान से संबंधित आपराधिक साजिश में ‘‘सबसे महत्वपूर्ण और प्रमुख भूमिका'' निभाई। ईडी ‘आप' नेता के खिलाफ सीबीआई की प्राथमिकी से जुड़े धनशोधन मामले की भी जांच कर रही है।
सीबीआई और ईडी के अनुसार आबकारी नीति को संशोधित करते समय अनियमितताएं की गईं और लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया। दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर, 2021 को आबकारी नीति लागू की थी, लेकिन भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच सितंबर 2022 के अंत में इसे रद्द कर दिया था। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सिसोदिया को धनशोधन मामले में नौ मार्च को गिरफ्तार किया था। तीन जुलाई के अपने आदेश में, हाईकोर्ट ने उन्हें ईडी मामले में जमानत देने से इनकार कर दिया था।