दुनिया में तेजी से बढ़ रहे हैं हाइपरटेंशन के मामले, 140 करोड़ लोग हैं प्रभावित, रिपोर्ट में हुआ खुलासा
punjabkesari.in Thursday, Sep 25, 2025 - 01:14 AM (IST)

नेशनल डेस्क: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार दुनिया भर में उच्च रक्तचाप (हाइपरटेंशन) के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। वर्तमान में लगभग 1.4 बिलियन यानी 140 करोड़ लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं। लेकिन चिंता की बात यह है कि इन में से केवल 20 प्रतिशत लोग ही अपना ब्लड प्रेशर सही ढंग से नियंत्रित कर पा रहे हैं। बाकी या तो इलाज तक पहुंच नहीं पा रहे हैं या उन्हें पता ही नहीं कि उन्हें यह बीमारी है।
हाइपरटेंशन से होती हैं लाखों मौतें
WHO की रिपोर्ट में बताया गया है कि हाइपरटेंशन अब मौतों का एक बड़ा कारण बन चुका है। हर साल लाखों लोगों की जान इस बीमारी की वजह से खतरे में रहती है। दुनिया में हर घंटे 1000 से अधिक लोग स्ट्रोक और हार्ट अटैक जैसी बीमारियों के कारण मर रहे हैं, जिनका मुख्य कारण बढ़ा हुआ ब्लड प्रेशर है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर समय पर इस बीमारी का इलाज किया जाए तो 2023 से 2050 तक करीब 7.6 करोड़ मौतों को रोका जा सकता है।
हाइपरटेंशन बढ़ने के कारण
- अनहेल्दी खान-पान, अधिक नमक और प्रोसेस्ड फूड का सेवन।
- शारीरिक गतिविधि की कमी, व्यायाम न करना।
- धूम्रपान और शराब का सेवन।
- तनाव और अनियमित जीवनशैली।
- जागरूकता की कमी- आधे से ज्यादा लोग जानते तक नहीं कि उन्हें हाइपरटेंशन है।
हाइपरटेंशन का स्वास्थ्य पर प्रभाव
हाइपरटेंशन को अक्सर “साइलेंट किलर” कहा जाता है क्योंकि यह धीरे-धीरे शरीर के कई अंगों को नुकसान पहुंचाता है। लंबे समय तक ब्लड प्रेशर बढ़ा रहने से:
- हृदय रोग और हार्ट फेलियर का खतरा बढ़ जाता है।
- स्ट्रोक यानी ब्रेन हेमरेज या ब्लॉकेज हो सकता है।
- किडनी फेलियर की समस्या हो सकती है।
- डिमेंशिया और अन्य न्यूरोलॉजिकल रोगों का खतरा बढ़ जाता है।
आर्थिक और सामाजिक नुकसान
रिपोर्ट के अनुसार निम्न और मध्यम आय वाले देशों को 2011 से 2025 के बीच हृदय और ब्लड प्रेशर से जुड़ी बीमारियों के कारण लगभग 3.7 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर का आर्थिक नुकसान हो सकता है। यह इन देशों की कुल GDP का करीब 2 प्रतिशत है।
समाधान क्या हैं?
WHO ने हाइपरटेंशन को रोकने और नियंत्रित करने के लिए कई सुझाव दिए हैं:
- प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करना और नियमित ब्लड प्रेशर जांच की सुविधा उपलब्ध कराना।
- WHO द्वारा सुझाई गई दवाओं की सस्ती और आसानी से उपलब्धता सुनिश्चित करना।
- लोगों में जागरूकता बढ़ाना ताकि वे अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें।
- हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाना- नमक का सेवन कम करना, नियमित व्यायाम करना, धूम्रपान और शराब से बचना, और तनाव कम करना।