क्या बिना दर्द के मौत की सजा दी जा सकती है?:  सुप्रीम कोर्ट जुलाई में करेगा सुनवाई

punjabkesari.in Tuesday, May 02, 2023 - 12:15 PM (IST)

नई दिल्ली:  केंद्र ने  सुप्रीम कोर्ट में कहा कि जिन दोषियों को मौत की सजा सुनाई गई है उन्हें फांसी दिए जाने के बारे में गौर करने के लिए एक समिति गठित करने पर विचार किया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की दलीलों पर गौर किया और जनहित याचिका पर ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद सुनवाई के लिए सहमति जताई।

 सुप्रीम कोर्ट ने  21 मार्च को केंद्र सरकार से डेटा मांगा था और पूछा था कि फांसी देने से कितना दर्द होता है ? आधुनिक साइंस और तकनीक का फांसी की सजा पर क्या विचार है ? क्या देश या विदेश में मौत की सजा के विकल्प का कोई डेटा है ? सुनवाई के दौरान CJI डी वाई चंद्रचूड़ ने याचिकाकर्ता और एजी वेंकटरमनी से कहा था कि हां, यह चिंतन का विषय है। हमें अपने हाथों में कुछ वैज्ञानिक डेटा चाहिए। हमें विभिन्न तरीकों से होने वाली पीड़ा पर कुछ अध्ययन दें। 

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप हमें सुझाव दे सकते हैं कि समिति में कौन शामिल हो सकता है। यहां तक कि घातक इंजेक्शन भी दर्दनाक है, तो वहीं गोली मारना  मानवाधिकारों के पूर्ण उल्लंघन में सैन्य शासन का पसंदीदा समय था।
 
वकील ऋषि मल्होत्रा ​​ने 2017 में एक जनहित याचिका दायर की थी, जिसमें मौत की सजा के दोषी को फांसी देने की मौजूदा प्रथा को खत्म करने और इसे 'अंतःशिरा घातक इंजेक्शन, शूटिंग, इलेक्ट्रोक्यूशन या गैस चैंबर' जैसे कम दर्दनाक तरीकों से बदलने की मांग की गई थी।
 


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Content Writer

Anu Malhotra

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