बुराड़ी केस: हत्या-आत्महत्या-काला जादू में उलझी पहेली
punjabkesari.in Monday, Jul 02, 2018 - 11:01 AM (IST)
नई दिल्ली(ब्यूरो): हंसते-खेलते पूरे परिवार के इस तरह से खत्म होने पर हर कोई हैरान है। जिस परिवार को पड़ोसी ने कभी परिवार को लड़ते झगड़ते नहीं देखा, कभी घर से शोर-शराबे की आवाजें नहीं आई, कभी परिवार को लोगों को किसी से झगड़ा नहीं हुआ ,न ही किसी से कोई रंजिश ही दिखी और सभी मस्तमौला लोग, लेकिन एकाएक घर जब कब्रगाह बना तो आसपास के लोग दंग हैं। एक साथ पूरे परिवार की मौत से हर कोई हैरान है। रिश्तेदारों का रो-रो कर बुरा हाल है, उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि आखिर कौन सी आफत आ गई। क्या मुसीबत थी। बुजुर्ग महिला का तीसरा बेटा दिनेश राजस्थान के चित्तौड़ में रहता है, वहां वो सिविल कॉन्ट्रेक्टर है। जिसे सूचना दे दी गई है उसके आने के बाद भी पुलिस को उम्मीद है कि किसी बड़े रहस्य से पर्दा उठ सकेगा। लेकिन फिलहाल पुलिस ने तीन थ्योरी पर काम करना शुरू कर दिया है,लेकिन हर थ्योरी पर पुलिस के लिए ये उलझन है कि जिस भी तरफ जांच घुमाई जाती है तो उसी तरफ सैकड़ों ऐसे सवाल खड़े हो जाते हैं जिनका जवाब किसी के पास नहीं है।
थ्योरी नं.1 पहले खिलाया नशीला पदार्थ फिर की गई हत्या
मौके पर मिले सबूतों के अनुसार घर के ही किसी सदस्य ने अन्य सदस्यों को फांसी पर लटकाया है। इसके लिए उसने पहले अपने पालतू कुत्ते को छत पर बांध दिया, ताकि वह घटना के वक्त भौंके नहीं। इसके बाद व्यक्ति ने पहले से खाने में नशीला पदार्थ मिला दिया ताकि लोग अचेत हो जाएं फिर एक-एक कर उसने सभी के हाथ-पैर बांध दिए और मुंह पर भी पट्टी बांध दी, ताकि फांसी पर लटकाते समय कोई होश में आ भी जाए तो वह शोर न मचा सके। इसके बाद उसने सभी को जाल से बांध कर लटका दिया और फिर खुद भी आत्महत्या कर ली। पुलिस इस थ्योरी पर इसलिए ज्यादा काम कर रही है क्योंकि मौके पर लूटपाट की कोई घटना नहीं हुई है और न ही कोई भी किसी भी तरह की विरोधाभास मौके पर पाए गए हैं। इसके अलावा न तो अलमारी टूटी है और न ही घर का कोई सामान अस्त व्यस्त है। इससे साफ है कि जब लोगों को लटकाया गया तो वे अचेत थे और उन्होंने किसी भी तरह का विरोध नहीं किया। इसके अलावा घर में जूलरी सहित कैश भी मिला है, इससे साफ हो गया है कि अगर ये हत्या बाहरी व्यक्ति ने की होती तो उसे लेकर जाता, लेकिन उसे छेड़ा नहीं गया।
लेकिन यहां उलझ गई पुलिस
एक व्यक्ति महज 12 घंटे में सभी शवों को एक एक कर भी लटकाया जाता तो काफी समय लगता और इनमें कई भारी शरीर के भी थे, इसलिए एक व्यक्ति इस वारदात को नहीं कर सकता। इसके अलावा बेहोश होने के बाद शरीर भारी हो जाती है, ऐसे में इस थ्योरी पर विश्वास करना मुश्किल है। इसके अलावा मौके पर 9 शव एक जैसे पाए गए हैं, जिनके मुंह बंधे हुए हैं,आंखों पर पट्टी है और हाथ भी बंधे हैं,ये काम भी एक अकेले शख्स का नहीं हो सकता।
थ्योरी नं.2 आत्महत्या की तो क्यों की?
मौके पर 9 शवों के आंखों में पट्टी, हाथ बंधे हुए थे, एक ही जाल में लटके थे। इसके अलावा केवल मुखिया बुजुर्ग महिला का शव जमीन पर पड़ा था, लेकिन उसकी भी मौत हो गई। इसके अलावा एक व्यक्ति भूपी के हाथ नहीं बंधे थे इसलिए कयास है कि भूपी ने सभी को अचेत कर लटकाया और फिर खुद आत्महत्या की। बताया जा रहा है पूरा घर डिप्रेशन में भी था, इसके चलते सभी ने एक साथ ये कदम उठाया। पड़ोसियों के मुताबिक, लोगों ने दो दिनों से बातचीत भी करनी बंद कर दी थी लेकिन रोजाना दुकान खुलती थी। पुलिस ने अपनी थ्योरी में साफ कहा है कि अभी तक की जांच में ये सभी सामूहिक आत्महत्या है, लेकिन क्यों की गई है इसका जवाब खोजा जा रहा है।
लेकिन यहां उलझ गई पुलिस
पुलिस का दावा है कि डिप्रेशन के चलते सामूहिक आत्महत्या की गई, लेकिन पहला सवाल ये है कि मासूम बच्चों भी डिप्रेशन में थे। या फिर सभी लोग, ऐसा हुआ था घर में। इसके अलावा अगर ये सभी डिप्रेशन में थे तो प्रतिदिन दुकान क्यों खुल रही थी और क्यों रोजाना की तरह भूपी और उसका भाई लोगों से बातचीत करता था और महिलाएं रोजाना की तरह दिनचर्या में व्यस्त थीं। बीते दिनों की तरह लोग घरों में आ जा रहे थे और दूध सहित अन्य सामान भी रोजाना की तरह लिया जा रहा था। पुलिस यहां भी उलझ गई है कि डिप्रेशन अगर एक दो को था तो वह भी आत्महत्या करते पूरे परिवार की सामूहिक आत्महत्या अजीब पहेली है।
थ्योरी नं.3 कहीं काला जादू के चलते तो नहीं उठाया कदम
पुलिस को घर से एक डायरी मिली है, जिसमें लिखा गया है कि शरीर नाशवान है। आत्मा अमर है। जिसने भी इस धरती में जन्म लिया है, उसको एक दिन मरना भी है, यह निश्चित है। जन्म और मृत्यु जीवन के अटल सत्य है। एक सत्य यह भी है कि शरीर नाशवान है, लेकिन आत्मा तो अमर है। अगर डर लगे तो अपने डर को रोकने के लिए आंखों कपड़े से बंद और मुंह पर पट्टी बांध लेना। आत्मा से मिल के वक्त कोई छटपटाएं नहीं। पुलिस को एक कमरे से एक डायरी मिली है। जिसको फॉरेंसिक टीम ने कब्जे में ले लिया है। साथ ही पुलिस को जिस तरह से लोगों से पता चला है और मौके पर से हवन जैसी कुछ सामग्री भी मिली है। उससे लगता है कि मामला काले जादू का हो सकता है। डायरी को पढऩे पर भी पुलिस को अब ये पूरा मामला सुसाइड का ही लग रहा है। लेकिन कोई भी पुलिस अधिकारी मामले में अधिकारिक रूप से अभी बोलने को तैयार नहीं है। उनका कहना है कि अभी यह जांच का मामला है। शवों के पोस्टमार्टम होंगे। मौके से पुलिस को जरूर ऐसी चीजें बरामद हुई हैं, जिससे लगता है कि यह सुसाइड भी हो सकता है। परिवार के कुछ जानकारों ने बताया कि भूपेन्द्र और ललित का परिवार धर्म कर्म में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया करता था। उन्होंने एक गुरु भी बना रखा था। उस गुरु ने भी कुछ मंत्र आदि उनको दे रखे थे। जिसका जाप वे किया करते थे। हो सकता है कि हवन करते हुए उन्होंने कुछ ऐसा किया हो जिससे उनको डर लगा हो। या फिर हवन के वक्त उनको इस तरह से कुछ करना था। जिसमें हाथ पैर और मुंह को बांधकर फंदे से लटकना था। जिसमें एक दूसरे की सहायता की होगी। क्योंकि मौके पर कुछ के हाथ लटके नहीं मिले थे। यह हवन भी डेढ़ से साढ़े तीन बजे के बीच में ही किया गया होगा।
इसी केस में अब एक बाबा की तलाश भी की गई शुरू
पुलिस ने डायरी के बाद बाबा की तलाश शुरू कर दी है। पुलिस के मुताबिक, परिवार एक गुरु को मानता था जिसको परिवार काफी दान दिया करता था। इस बाबा के बारे में जब पुलिस अधिकारियों को पता चला। एक टीम को उसे तलाशने के लिए भेज दिया था। यह बाबा दिल्ली में ही रहता है। लेकिन इसका संबंध राजस्थान से बताया जा रहा है। यह बाबा काला जादू करता है। नारायणा की पौती प्रियंका का जब 17 जून को नोएडा के रहने वाले एक लड़के से सगाई हुई थी। बताया जाता है कि बाबा उस समय भी वहां पर आया था। उसकी पहचान के लिए पुलिस पड़ोसियों और बहन सुजाता आदि की मदद ले रही है।