Bulli Bai App: आरोपियों की जमानत का विरोध, पुलिस ने कहा- धार्मिक समूहों में पैदा करना चाहते थे
punjabkesari.in Monday, Jan 17, 2022 - 07:21 PM (IST)
नेशनल डेस्कः मुंबई पुलिस ने यहां एक स्थानीय अदालत को सोमवार को बताया कि ‘बुल्ली बाई' ऐप से जुड़े एक मामले के संबंध में गिरफ्तार किए गए तीन छात्रों ने समाज में शांति भंग करने और धार्मिक समूहों के बीच विद्वेष पैदा करने के इरादे से अपने सोशल मीडिया खातों के लिए सिख समुदाय से जुड़े नामों का इस्तेमाल किया। शहर पुलिस के साइबर प्रकोष्ठ ने उपनगर बांद्रा में मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत में दाखिल अपने हलफनामे में मामले के तीन आरोपियों विशाल कुमार झा, श्वेता सिंह और मयंक रावत की जमानत याचिकाओं का विरोध किया।
मुंबई पुलिस के साइबर प्रकोष्ठ ने सिंह (18) और रावत (21) को पांच जनवरी को उत्तराखंड और झा को चार जनवरी को बेंगलुरू से गिरफ्तार किया था। इस ऐप के जरिये कथित तौर पर मुस्लिम महिलाओं को निशाना बनाया जाता था। ये तीनों आरोपी इस समय न्यायिक हिरासत में हैं। झा और रावत को कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद बृहन्मुंबई महानगर पालिका द्वारा संचालित एक केंद्र में पृथक-वास में रखा गया है। अदालत ने आरोपियों के वकीलों की दलीलें सुनीं और जमानत याचिकाओं पर आगे की सुनवाई मंगलवार के लिए स्थगित कर दी।
पुलिस ने सोमवार को अदालत से आरोपियों की जमानत याचिकाएं खारिज करने का अनुरोध किया और तर्क दिया कि आरोपी रिहा होने के बाद भाग सकते हैं या सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं। साइबर प्रकोष्ठ ने बताया कि एक पुलिस दल को दो और आरोपियों को हिरासत में लेने के लिए राष्ट्रीय राजधानी भेजा गया है। एक अन्य आरोपी नीरज बिश्नोई को दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज एक अन्य बुल्ली बाई ऐप मामले में गिरफ्तार किया गया है। इसके अलावा एक अन्य आरोपी ओंकारेश्वर ठाकुर को ‘सुल्ली डील्स' ऐप मामले में गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस ने अपने हलफनामे में कहा कि झा, सिंह और रावत एक विशेष मानसिकता के साथ काम करने वाले कई सोशल मीडिया समूहों का हिस्सा थे। उसने कहा, ‘‘आरोपी सोशल मीडिया पर अत्यधिक सक्रिय थे और ऐसी सामग्रियां पोस्ट कर रहे थे, जिससे समाज में शांति भंग होने का खतरा था।'' हलफनामे में कहा गया है कि इन आरोपियों ने अपने ट्विटर खातों में सिख समुदाय के नामों और शब्दों को गलत तरीके से शामिल किया। इसके अलावा उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए संदेश पोस्ट करते समय भी ऐसा ही किया।
पुलिस ने कहा कि इसके पीछे उनका मकसद धर्मों के बीच विद्वेष पैदा करना था। इसमें कहा गया, ‘‘आरोपियों की समय पर गिरफ्तारी से कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने से बच गई।'' पुलिस ने कहा कि वह इस मामले में अन्य आरोपियों की तलाश कर रही है। पुलिस ने कहा कि यह पता लगाने के लिए और जांच किए जाने की आवश्यकता है कि एक विशेष समुदाय की महिलाओं को निशाना बनाने के मामले में गिरफ्तार इन आरोपियों को क्या कोई और भड़का रहा था। हलफनामे में कहा गया, ‘‘यह पता लगाने के लिए जांच जारी है कि क्या आरोपियों को कोई वित्तीय लाभ भी मिला है। इसके लिए (गिरफ्तार आरोपियों के) बैंक खातों की जानकारी की जांच की जारी है।''
पुलिस ने कहा, ‘‘प्रारंभिक जांच में पता चला है कि बुल्ली बाई ऐप के अलावा ये गिरफ्तार आरोपी जुलाई 2021 की सुल्ली डील्स ऐप में भी सक्रिय थे और इस संबंध में और जांच किए जाने की आवश्यकता है।'' उसने कहा कि तीनों आरोपी छात्र हैं और उन्हें साइबर जगत का अच्छा ज्ञान है। पुलिस ने कहा, ‘‘आरोपियों ने अपने सोशल मीडिया खातों का इस्तेमाल करते समय यह दिखाकर अपने स्थान की जानकारी छिपाने की कोशिश की कि उन्होंने अन्य देशों से लॉग इन किया है। अपने खातों में उन्होंने अपनी असली पहचान छिपाई है।''
दिल्ली पुलिस ने दावा किया है कि बिश्नोई बुल्ली बाई ऐप का मुख्य निर्माता है। मुंबई पुलिस ने अपने हलफनामे में कहा कि रावत, सिंह, झा और बिश्नोई चारों आरोपियों ने ऐप बनाई। उल्लेखनीय है कि ‘बुल्ली बाई'' ऐप द्वारा निशाना बनाई गई मुस्लिम महिलाओं की शिकायत के आधार पर मुंबई पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की है। इस ऐप पर कई महिलाओं की जानकारी सार्वजनिक की गई थी और उपयोकर्ताओं को उनकी ‘नीलामी' में शामिल होने का अवसर दिया जाता था।
सबसे ज्यादा पढ़े गए
Recommended News
Recommended News
Shukrawar Upay: कुंडली में शुक्र है कमजोर तो कर लें ये उपाय, कष्टों से मिलेगा छुटकारा
Bhalchandra Sankashti Chaturthi: आज मनाई जाएगी भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी, जानें शुभ मुहूर्त और महत्व
Rang Panchami: कब मनाया जाएगा रंग पंचमी का त्योहार, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
Chanakya Niti: श्मशान घाट की तरह होते हैं ऐसे घर, नहीं रहती इनमें खुशियां