भारतीय बुलेट ट्रेन प्रोजैक्ट पर संकट के बादल

punjabkesari.in Friday, Oct 13, 2017 - 02:37 PM (IST)

टोक्योः जापान की  बुलेट ट्रेन बनाने वाली कंपनियों को कल-पुर्जे देने वाली कोबे स्टील लिमिटेड विवाद से घिर गई  है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार बुलेट ट्रेन बनाने वाली 2 जापानी कंपनियों ने पाया है कि कोबे स्टील द्वारा बनाए गए ट्रेन के कई कल-पुर्जे मानकों के अनुरूप नहीं हैं। कोबे स्टील से जुड़े विवाद का असर भारतीय प्रोजैक्ट पर पड़ने की भी आशंका है।

भारत की पहली बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए जापान ने एक लाख करोड़ रुपए का कर्ज दिया है। ये बुलेट ट्रेन परियोजना साल 2022 तक पूरी होने की उम्मीद है। लेकिन इस विवाद से भारत के प्रोजैक्ट पर भी संकट के बादल मंडराने लगे हैं। गौरतलब है कि पिछले महीने भारत के  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने अहमदाबाद-मुंबई के बीच जापान की मदद से बनने वाली बुलेट ट्रेन परियोजना का उद्घाटन किया था।  12 साल पुरानी कोबे स्टील ने इसके लिए माफी भी मांगी है। रिपोर्ट के अनुसार ट्रेन के पहियों से लेकर कार और डीवीड तक में कम गुणवत्ता वाली सामग्री का प्रयोग किया गया था।

जापानी मीडिया में 8 अक्तूबर को ये खबर आई कि कोबे स्टील ने एल्युमिनियम और कॉपर की गुणवत्ता के बारे में गलत आंकड़े दिए थे। कोबे स्टील टोयोटा मोटर कॉर्प और जनरल मोटर कॉर्प को विभिन्न तरह के सामग्री की आपूर्ति करती है। इन कंपनियों द्वारा बनाए जाने वाली कारों, ट्रेनों और हवाईजहाजों में कोबे स्टील की सामग्री का प्रयोग होता है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार कोबे स्टील सबसे ज्यादा मुनाफा लोहा, स्टील, एल्युमिनियम और कॉपर बेचकर कमाती है।

रिपोर्ट के अनुसार टोक्यो और ओसाका के बीच बुलेट ट्रेन का संचालन करने वाली सैंट्रल जापान रेलवे कंपनी ने कहा है कि ट्रेन के डिब्बों और पहियो को जोड़ने वाले पुर्जों में लगी एल्युमिनियम धातु मानक स्तर की नहीं है। सैंट्रल जापान रेलवे कंपनी की जांच में 310 पार्ट गुणवत्ता से कम पाए गए। ये सभी पार्ट पिछले पांच साल में कोबे स्टील ने बनाए थे। वेस्ट जापान रेलवे कंपनी ने भी ओसाका से फुकुओका के बीच चलने वाली बुलेट ट्रेन के भी पार्ट भी कम गुणवत्ता वाले पाए गये और ये पार्ट भी कोबे स्टील ने ही बनाए थे। 


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