आज है BSF स्थापना दिवस, जानें कब हुई शुरुआत और कैसे पड़ा नाम
punjabkesari.in Monday, Dec 01, 2025 - 02:19 PM (IST)
नेशनल डेस्क : देश की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं की सुरक्षा में तैनात सीमा सुरक्षा बल (BSF) का आज स्थापना दिवस है। बीएसएफ की स्थापना वर्ष 1965 में भारत की सीमाओं की रक्षा करने और अंतरराष्ट्रीय अपराधों को रोकने के उद्देश्य से की गई थी। यह बल केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय के अंतर्गत कार्य करता है। बांग्लादेश की आज़ादी में बीएसएफ की महत्वपूर्ण और अविस्मरणीय भूमिका रही है। हाल ही में हुए ऑपरेशन ‘सिंदूर’ में भी बीएसएफ ने अहम योगदान दिया, जिसके लिए बीएसएफ के बहादुर जवानों को सम्मानित किया गया। देश के नागरिक आज खुद को सुरक्षित महसूस करते हैं, क्योंकि सीमा पर बीएसएफ के जवान हर परिस्थिति में मुस्तैदी से डटे रहते हैं।
दिन-रात सीमा की सुरक्षा में जुटी BSF
केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में बीएसएफ एकमात्र ऐसा बल है जो थल, जल और आकाश तीनों माध्यमों से देश की सीमाओं की सुरक्षा में हमेशा तत्पर रहता है। हाल ही में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि किसी भी परिस्थिति में जल, थल और गगन तीनों पर बीएसएफ का एक ही लक्ष्य रहा है, और वह है भारत की सुरक्षा। उन्होंने गर्व के साथ बताया कि आज बीएसएफ 193 बटालियनों और 2.76 लाख से अधिक जवानों के साथ पाकिस्तान से लगी 2,279 किमी और बांग्लादेश से लगी 4,096 किमी लंबी सीमा की सुरक्षा और निरंतर निगरानी कर रही है।
अब तक 2013 जवानों ने देश पर न्यौछावर किए प्राण
गृह मंत्री अमित शाह के अनुसार, अब तक सीमा सुरक्षा बल के 2,013 बहादुर जवानों ने देश की सीमाओं की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की सर्वोच्च आहुति दी है। उन्होंने कहा कि आने वाला वर्ष बीएसएफ के जवानों और उनके परिवारों के कल्याण के लिए समर्पित होगा। बीएसएफ और गृह मंत्रालय अपने कर्मियों तथा उनके परिजनों के लिए कई नई कल्याणकारी पहल शुरू करेंगे। इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि आने वाला वर्ष बल के आधुनिकीकरण को समर्पित होगा, जिसका उद्देश्य अगले पांच वर्षों में बीएसएफ को दुनिया का सबसे आधुनिक और सक्षम सीमा सुरक्षा बल बनाना है।
