रक्षाबंधन से पहले भाई का भयानक एक्सीडेंट... बहन और परिजन फूट-फूटकर रो रहे
punjabkesari.in Wednesday, Aug 06, 2025 - 12:27 PM (IST)

नेशनल डेस्क : रक्षाबंधन का पर्व भाई-बहन के अटूट रिश्ते और स्नेह का प्रतीक होता है, लेकिन बिहार के मधेपुरा जिले में एक दर्दनाक हादसे ने इस पवित्र रिश्ते को राखी से पहले ही हमेशा के लिए अधूरा कर दिया। महज कुछ दिनों बाद बहन गुड़िया को अपने भाई गौरव की कलाई पर राखी बांधनी थी, लेकिन उससे पहले ही मौत ने दोनों को अलग कर दिया।
परीक्षा दिलाने गया भाई, लौटते समय हुआ हादसा
यह हृदयविदारक हादसा मंगलवार शाम NH-107 पर मुरलीगंज थाना क्षेत्र के पड़वा नवटोल के पास हुआ, जब 21 वर्षीय गौरव कुमार अपनी 20 वर्षीय बहन गुड़िया कुमारी को स्नातक द्वितीय सेमेस्टर की परीक्षा दिलाकर घर वापस ला रहा था। जैसे ही वे मोटरसाइकिल पर लौट रहे थे, तभी एक तेज रफ्तार ट्रक ने उन्हें जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि गौरव को सिर में गंभीर चोट लगी और मौके पर ही उसकी मौत हो गई, जबकि गुड़िया गंभीर रूप से घायल हो गई।
कोटा से लौटा था रक्षाबंधन के लिए
गौरव राजस्थान के कोटा में रहकर मेडिकल की तैयारी कर रहा था। रक्षाबंधन के अवसर पर वह कुछ दिन पहले ही घर लौटा था ताकि बहन की परीक्षा में मदद कर सके और राखी का त्योहार साथ मना सके। लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। अब वही बहन जो राखी बांधने की तैयारी कर रही थी, अस्पताल के बेड पर पड़ी अपने भाई के अंतिम दर्शन तक नहीं कर पा रही।
परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
गौरव और गुड़िया, दोनों श्रीनगर थाना क्षेत्र के बेलासद्दी वार्ड-2 के निवासी हैं और इनके पिता का नाम कुमोद कुमार झा है। गौरव की मौत की खबर जब घर पहुंची तो वहां कोहराम मच गया। बहन और परिजन फूट-फूटकर रो रहे हैं। मां-बाप अपने इकलौते बेटे को खोने के गम में बेसुध हो चुके हैं। बहन की हालत भी ऐसी है कि उसे भाई के निधन की खबर भी अभी तक सही से नहीं दी जा सकी है।
पुलिस जांच में जुटी, ट्रक जब्त
हादसे के बाद पुलिस ने घटनास्थल से ट्रक और मोटरसाइकिल को जब्त कर लिया है। मामले की जांच शुरू हो चुकी है और पुलिस ने कहा है कि आवेदन मिलने पर उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
रक्षाबंधन से पहले घर में पसरा मातम
रक्षाबंधन जहां हर साल घर में खुशियां लाता था, वहीं इस बार गौरव के घर मातम का माहौल है। एक बहन जिसने शायद राखी के लिए नई डोरी खरीद रखी होगी, आज अस्पताल में जिंदगी से लड़ रही है। और एक भाई जो डॉक्टर बनने का सपना देख रहा था, अब चुपचाप एक सफेद कफ़न में लिपटा घर लौट आया।