BRICS Summit 2024: PM Modi और Xi Jinping के बीच हुई द्विपक्षीय बातचीत, 5 साल बाद मिले दोनों नेता
punjabkesari.in Wednesday, Oct 23, 2024 - 08:57 PM (IST)
नेशनल डेस्क : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को यहां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ द्विपक्षीय वार्ता की, जो मई 2020 में पूर्वी लद्दाख सीमा विवाद उत्पन्न होने के बाद दोनों देशों के बीच शीर्ष स्तर पर पहली संरचित बैठक है। यह वार्ता ऐसे समय में हुई है जब एक दिन पहले ही भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर अपनी सेनाओं द्वारा गश्त करने के समझौते पर सहमति जताई थी।
चार साल से चल रहे गतिरोध को समाप्त करने की दिशा में इसे एक बड़ी सफलता माना जा रहा है। नवंबर 2022 में, मोदी और शी ने इंडोनेशियाई राष्ट्रपति द्वारा जी-20 नेताओं के लिए आयोजित रात्रिभोज में एक-दूसरे का अभिवादन किया और संक्षिप्त बातचीत की थी। पिछले वर्ष अगस्त में भी भारतीय प्रधानमंत्री और चीनी राष्ट्रपति ने ब्रिक्स (ब्राजील-रूस-भारत-चीन-दक्षिण अफ्रीका) शिखर सम्मेलन के दौरान जोहानिसबर्ग में एक संक्षिप्त और अनौपचारिक बातचीत की थी।
दोनों नेताओं ने प्रसन्नता व्यक्त की
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात के बाद खुशी व्यक्त की। उन्होंने कहा, "आपसे मिलकर खुशी हुई।" मोदी ने कहा कि भारत और चीन के संबंध सिर्फ हमारे लोगों के लिए ही नहीं, बल्कि वैश्विक शांति, स्थिरता और प्रगति के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण हैं। इस दौरान, विदेश सचिव ने कहा कि बॉर्डर पर डिसइंगेजमेंट और पेट्रोलिंग के संबंध में सहमति के बैकग्राउंड में यह मीटिंग हुई है। यह संकेत देता है कि दोनों देशों के बीच सीमा विवाद को सुलझाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। मुलाकात के बाद, दोनों नेताओं ने प्रसन्नता व्यक्त की, जो इस बात का प्रमाण है कि वे आपसी संबंधों को सुधारने और आगे बढ़ाने के लिए गंभीर हैं।
#WATCH प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "आपसे मिलकर खुशी हुई..हमारा मानना है कि भारत और चीन के संबंधों का महत्व केवल हमारे लोगों के लिए ही नहीं है लेकिन वैश्विक शांति-स्थिरता और प्रगृति के लिए भी हमारे संबंध बहुत अहम हैं" pic.twitter.com/l0Qvg16dL4
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 23, 2024
पीएम मोदी का बयान
बैठक के दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि "हमारे बाउंड्री रिलेटेड मेटर का असर शांति और स्थिरता पर नहीं पड़ने देना चाहते।" यह बयान दर्शाता है कि भारत सीमा विवाद को सुलझाने के प्रति कितनी गंभीरता से काम कर रहा है और वह स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए प्रतिबद्ध है। मोदी ने भारत-चीन के स्पेशल रिप्रजेंटिव के महत्वपूर्ण भूमिका का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि "भारत-चीन के स्पेशल रिप्रजेंटिव ने बाउंड्री के सवाल पर क्रूशियल रोल अदा किया है।
जिनपिंग का बयान
बैठक में, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि "दोनों पक्षों के लिए अधिक संचार और सहयोग करना जरूरी है।" उन्होंने यह स्पष्ट किया कि यह आवश्यक है कि भारत और चीन अपने मतभेदों और असहमतियों को उचित रूप से संभालें। जिनपिंग ने यह भी उल्लेख किया कि एक-दूसरे की विकास आकांक्षाओं को पूरा करने में सहयोग प्रदान करना महत्वपूर्ण है। इससे यह संकेत मिलता है कि चीन भारत के विकास को भी महत्व देता है और एक सकारात्मक सह-अस्तित्व की दिशा में आगे बढ़ना चाहता है।
Met President Xi Jinping on the sidelines of the Kazan BRICS Summit.
— Narendra Modi (@narendramodi) October 23, 2024
India-China relations are important for the people of our countries, and for regional and global peace and stability.
Mutual trust, mutual respect and mutual sensitivity will guide bilateral relations. pic.twitter.com/tXfudhAU4b
अंतरराष्ट्रीय जिम्मेदारियां
उन्होंने यह भी कहा कि "दोनों पक्षों के लिए हमारी अंतर्राष्ट्रीय जिम्मेदारी निभाना" आवश्यक है। इससे यह बात सामने आती है कि भारत और चीन को वैश्विक मुद्दों पर सहयोग करना चाहिए, जो कि केवल उनके देशों के लिए ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी महत्वपूर्ण है। जिनपिंग ने विकासशील देशों की ताकत और एकता को बढ़ावा देने के लिए एक उदाहरण स्थापित करने की बात कही।
#WATCH | Kazan, Russia: During the bilateral meeting with PM Modi, Chinese President Xi Jinping says, "...It's important for both sides to have more communication and cooperation, properly handle our differences and disagreements, and to facilitate each other's pursuit of… pic.twitter.com/1QRRw31QuD
— ANI (@ANI) October 23, 2024
क्यों खास है यह बैठक
यह बैठक इसलिए विशेष है क्योंकि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच लगभग पांच साल बाद हुई है। पिछले कुछ वर्षों में, विशेष रूप से 2020 में पूर्वी लद्दाख सीमा विवाद के बाद, दोनों देशों के बीच संबंधों में तनाव रहा है। यह मई 2020 के बाद पहली बार है जब दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्ष आमने-सामने आए हैं। यह एक महत्वपूर्ण अवसर है, जिससे दोनों नेता अपने देशों के बीच जारी विवादों को सुलझाने का प्रयास कर सकते हैं। यह मुलाकात एक ऐसे समय में हुई है जब भारत और चीन ने एक दिन पहले ही पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर अपनी सेनाओं की गश्त करने के समझौते पर सहमति जताई है। यह कदम सीमा पर तनाव को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। इस बैठक को चार वर्षों से चल रहे गतिरोध को समाप्त करने की दिशा में एक बड़ी सफलता माना जा रहा है।