कोरोना से ठीक हुए मरीजों की गल रहीं हड्डियां, मुंबई में आए 3 केस

punjabkesari.in Monday, Jul 05, 2021 - 12:55 PM (IST)

नेशनल डेस्क: कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने देश में काफी तबाही मचाई है। भले ही अब कोरोना की रफ्तार थमने लगी है लेकिन इस महामारी से लोगों में नई-नई समस्याएं पैदा हो रही हैं। कोरोना से ठीक हुए मरीजों में जहां ब्लैक फंगस का खतरा बढ़ा है वहीं अब एक नया संकट खड़ा हो गया है। कोरोना से ठीक हुए मरीजों में अब एवैस्कुलर नेक्रोसिस यानी बोन डेथ के लक्षण दिख रहे हैं। एवैस्कुलर नेक्रोसिस के कारण हड्डियां गलने लगती हैं। मुंबई में एवैस्कुलर नेक्रोसिस के तीन मरीज मिले हैं। डॉक्टरों का कहना है कि यह मामले और बढ़ सकते हैं। अस्पताल में 40 साल की उम्र से कम के तीन मरीजों का एवैस्कुलर नेक्रोसिस का इलाज किया गया।

 

डॉक्टरों का कहना है कि जिन मरीजों को कोरोना के दौरान स्टेरॉयड्स दिया गया उनमें ब्लैक फंगस और एवैस्कुलर नेक्रोसिस जैसी समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। मुंबई के हिंदुजा अस्पताल में 40 साल की उम्र से कम के तीन मरीजों का एवैस्कुलर नेक्रोसिस का इलाज किया गया। हिंदुजा अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉ. संजय अग्रवाल के मुताबिक इन मरीजों को फीमर बोन यानी जांघ की हड्डी में दर्द हुआ। तीनों मरीज डॉक्टर थे, इसलिए उन्हें लक्षण पहचानने में आसानी हुई और तुरंत इलाज के लिए अस्पताल पहुंच गए।

 

वहीं सिविल अस्पताल के एक डॉक्टर ने बताया कि जो मरीज लंबे समय से कोरोना से पीड़ित हैं और उन्हें स्टेरॉयड की जरूरत है, ऐसे मरीजों को एवैस्कुलर नेक्रोसिस की समस्या हो सकती है। वहीं राज्य सरकार की टास्क फोर्स के सदस्य डॉक्टर राहुल पंडित ने कहा कि वह एवैस्कुलर नेक्रोसिस के मामलों पर नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने कहा कि यह काफी गंभीर और चिंता का कारण हैं।


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Content Writer

Seema Sharma

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