महिला शिक्षा पर भाजपा का 'सर्जिकल स्ट्राइक- अशोक गहलोत
punjabkesari.in Saturday, Jan 18, 2025 - 06:01 PM (IST)
नेशनल डेस्क : राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने शनिवार को भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना था कि भाजपा की सरकार राज्य में महिला शिक्षा का गला घोंट रही है और बालिका विद्यालयों को बंद करके लड़कियों की शिक्षा में रुकावट डाल रही है। गहलोत ने इस संदर्भ में एक खबर साझा करते हुए कहा कि भाजपा सरकार का यह कदम महिलाओं के शिक्षा के अधिकार के खिलाफ है।
बालिका विद्यालयों को बंद करने का निर्णय
गहलोत ने अपनी आपत्ति को ‘एक्स’ प्लेटफॉर्म पर साझा किया, जिसमें उन्होंने कहा, "कालीबाई भील की धरती राजस्थान में महिला शिक्षा का गला घोंट रही है भाजपा।" उनका आरोप था कि भाजपा सरकार अच्छे नामांकन वाले बालिका विद्यालयों को बंद करने की योजना बना रही है, जो महिलाओं की शिक्षा पर एक ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ है। गहलोत ने कहा कि भाजपा का असली उद्देश्य यह है कि महिलाएं और लड़कियां पढ़ाई में आगे न बढ़ें।
पूर्व सरकार का दृष्टिकोण, महिला शिक्षा का विकास
गहलोत ने इस बात पर जोर दिया कि जब उनकी सरकार थी, तो उन्होंने बालिकाओं के शिक्षा के लिए कई सकारात्मक कदम उठाए थे। उनका कहना था कि उनकी सरकार ने कम नामांकन वाले विद्यालयों को भी खुला रखा ताकि कोई लड़की शिक्षा से वंचित न रहे। उन्होंने यह भी बताया कि उनकी सरकार ने नीति बनाई थी कि 11वीं और 12वीं कक्षा में जिन विद्यालयों में 500 से अधिक बालिकाओं का नामांकन होगा, वहां कॉलेज खोले जाएंगे। यह कदम बालिकाओं को शिक्षा के अधिक अवसर देने के लिए उठाया गया था।
भाजपा की नीतियां राजस्थान के विकास को रोक रही हैं
गहलोत ने भाजपा की नीतियों को ‘अदूरदर्शी’ बताते हुए आरोप लगाया कि ये नीतियां राजस्थान के विकास को पीछे धकेल रही हैं। उनका कहना था कि भाजपा सरकार की शिक्षा नीति उन बच्चियों के लिए नुकसानदेह है, जो अपनी पढ़ाई पूरी करना चाहती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा की इस तरह की नीतियों का खामियाजा उन बच्चों को भुगतना पड़ रहा है, जिनकी शिक्षा के लिए जरूरी संसाधन और संस्थान बंद किए जा रहे हैं।
महिला शिक्षा की दिशा में आगे बढ़ने की आवश्यकता
गहलोत ने जोर दिया कि महिला शिक्षा के लिए और अधिक अवसर देने की आवश्यकता है, ताकि लड़कियां आत्मनिर्भर बन सकें और समाज में अपनी पहचान बना सकें। उन्होंने कहा कि सरकारों को इस दिशा में गंभीर प्रयास करने चाहिए, ताकि देश और राज्य की महिलाएं शिक्षा के माध्यम से अपने सपनों को पूरा कर सकें।