''वरुण गांधी ने आपको शादी में आमंत्रित किया, मोहब्बत के रिश्तों...'', बीजेपी के सांसदों ने लिखी राहुल गांधी को चिट्ठी

punjabkesari.in Thursday, Jun 08, 2023 - 07:49 PM (IST)

नेशनल डेस्कः कांग्रेस नेता राहुल गांधी इसी महीने अमेरिका के दौरे पर थे। इस दौरान उन्होंने एक कार्यक्रम में बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा था 'उनका (बीजेपी) काम नफरत बांटने का है और हमारा काम मोहब्बत बांटने का। हम उनका काम क्यों करें, हम अपना काम करेंगे।' अब राहुल गांधी के 'मोहब्बत की दुकान' वाले बयान को लेकर बीजेपी के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर, बीजेपी युवा मोर्चा की पूर्व अध्यक्ष और सांसद पूनम महाजन और सांसद प्रवेश साहिब सिंह वर्मा ने 9 पेज का राहुल गांधी को पत्र लिखा है।

चिट्ठी में सांसदों ने राहुल गांधी और कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा है। सांसदों ने लिखा कि आपकी मोहब्बत की दुकान के बारे में सुनकर अच्छा लगा। सचमुच मोहब्बत में परस्पर जोड़ने सशक्त बना सकते हैं। सांसदों ने आगे लिखा कि अमेरिका में आपने इस मोहब्बत की दुकान से अपनी मातृभूमि और देश के लिए जी भरकर नफरत फैलाई है। वैसे नफरत फैलाना आपके परिवार और आपकी पार्टी के लिए कोई नई बात नहीं। अगर आप इतिहास के पन्नों को पलटेंगे तो वे चीख-चीखकर इन किस्सों की गवाही देंगे।

कांग्रेस के राज में सबसे अधिक दंगे
सांसदों ने आगे कहा कि कांग्रेस के राज में सबसे अधिक दंगे हुए और नफरत की दुकानें सजाई गईं। आपको पहले कांग्रेस राज में हुए नरसंहारों के बारे में भी जरूर जानना चाहिए। वह चाहे पंडित नेहरू हों या आपके पिता राजीव गांधी। सभी ने न सिर्फ हजारों लोगों के कत्लेआम को जायज ठहराया, बल्कि नफरत की आग को और तेजी से भड़काया। आपको याद दिला दें कि आजाद भारत का पहला नरसंहार नेहरू के कार्यकाल में हुआ। 1948 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या के बाद महाराष्ट्र में हजारों लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया। इसके पीछे पैगाम देने वाले लोग कांग्रेसी ही थे।

कांग्रेस अपने वरिष्ठ नेताओं को भी नहीं बख्शती
सांसदों ने चिट्ठी में लिखा कि आपकी कांग्रेस पार्टी की शुरू से परंपरा रही है कि वे अपने वरिष्ठ नेताओं को भी नहीं बख्शती। नेहरू के दिल में न जानें कैसी मोहब्बत थी कि उन्होंने तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ। राजेंद्र प्रसाद को सलाह दी कि वो सरदार वल्लभभाई पटेल के अंतिम संस्कार में न जाएं। सांसदों ने आगे कहा कि आज जैसे कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे हैं, वैसे ही कभी सीताराम केसरी अध्यक्ष हुआ करते थे। उनको तो कांग्रेस ने बेइंतहा बेईज्जती के साथ कांग्रेस अध्यक्ष पद से बेदखल किया था। कांग्रेसियों ने उनकी धोती तक खोल दी थी और बाथरूम में बंद कर दिया था। आप किस मोहब्बत की बात करते हैं।  चिट्ठी में आगे लिखा गया कि राहुल गांधी आपकी और आपकी पार्टी की मोहब्बत की इतनी मिसालें हैं, जिनको लेकर हम तो बस यही कह सकते है- 

मेनका गांधी को घर से निकाल दिया था
बीजेपी सांसदों ने राहुल गांधी को लिखे पत्र में कहा है, "आपको भी शायद 28 मार्च, 1982 की वह तारीख याद हो। जब आपकी दादी अपनी छोटी बहू मेनका गांधी से इतनी मोहब्बत' से पेश आई थीं कि रातों-रात उन्हें घर से निकाल दिया था। तब देशभर के तमाम अखबारों के मुख्य पृष्ठ पर एक ही तस्वीर थी। उस तस्वीर में प्रधानमंत्री निवास से आँखों में बेबसी के आंसू और मायूस चेहरे के साथ बेघर हो रहीं मेनका गांधी गोद में था नन्हा बेटा वरुण, जो उस वक्त तेज बुखार से तप रहा था। पत्रकार खुशवंत सिंह ने अपनी किताब 'Truth, Love & a Little Malice' में लिखा है, रात 11 बजे वरुण को मेनका के हवाले कर दिया गया। प्रधानमंत्री की गाड़ी को यह आदेश दिया गया कि मेनका जहां चाहें, उन्हें वहां छोड़ दिया जाए। 

वरुण गांधी की शादी में कोई नहीं गया
बीजेपी सांसदों ने राहुल गांधी को आगे लिखा, "आपके लिए मोहब्बत के क्या मायने हैं, यह निजी रिश्तों में भी बखूबी उजागर हो रहा है। आपके भाई वरुण गांधी अपनी शादी का न्योता लेकर खुद अपनी ताई सोनिया के घर 10 जनपथ गए थे। याद है ना मोहब्बत के रिश्तों को निभाने के लिए न आप और न ही आपकी मां और बहन इस शादी में शामिल हुईं। जबकि इंदिरा गांधी से मिले असहनीय अपमान के बावजूद प्रियंका गांधी की शादी में वरुण गांधी शामिल हुए थे।"


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Yaspal

Recommended News

Related News