ऑफ द रिकॉर्डः भाजपा के मुख्यमंत्री येद्दियुरप्पा व रूपानी पार्टी आलाकमान की नजरों में

punjabkesari.in Saturday, Nov 07, 2020 - 05:42 AM (IST)

नई दिल्लीः भाजपा शासित राज्यों के कम से कम 2 मुख्यमंत्री अलग-अलग कारणों से पार्टी आलाकमान की नजरों में हैं। ऐसे में दोनों मुख्यमंत्रियों का भविष्य अनिश्चित हो गया है क्योंकि पार्टी आलाकमान को बड़ी संख्या में उनके खिलाफ रिपोर्ट्स मिली हैं। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी.एस. येद्दियुरप्पा पर उनकी ही पार्टी के लोग सभी प्रकार के आरोप लगा रहे हैं, तो गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी विभिन्न मामलों को ठीक तरीके से न संभालने के लिए आलोचना के घेरे में आ गए हैं। दोनों मुख्यमंत्रियों के भाग्य का फैसला उनके राज्यों में 3 नवम्बर को उपचुनावों के नतीजे के बाद होगा। 
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कांग्रेस के विधायकों के इस्तीफा देने के बाद अब्दासा, लिंबडी, मोरबी, धारी, गढ़ादा, कर्जन, डांग और कपराडा सीटों पर उपचुनाव हुए। विजय रूपानी का लक्ष्य सभी 8 सीटों को जीतना है और यह भी सुनिश्चित नहीं है कि  जीत के बाद भी वह  आगे जारी रखेंगे। विधानसभा चुनाव 2022 में होने वाले हैं और पार्टी का नेतृत्व उनके अधीन आगामी चुनाव में सत्ता में बने रहने को सुनिश्चित नहीं है। मनसुख भाई मंडाविया, जहाजरानी मंत्री का नाम इस पद के संभावित उम्मीदवार के रूप में लिया जा रहा है। 
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इसी तरह, कर्नाटक में 2 विधानसभा सीटों के लिए उप-चुनाव 3 नवम्बर को हुए थे। बी.एस. येद्दियुरप्पा पहले ही 77 साल के हो गए हैं और पार्टी की नीति के अनुसार 75 साल के बाद किसी को भी एक सक्रिय पद नहीं रखना चाहिए। ऐसे में उपमुख्यमंत्री गोविंद एम. करजोल जो अनुसूचित जाति समुदाय से हैं और लिंगायतों के लिए स्वीकार्य हैं,के नाम पर सी.एम. के लिए निकट सहमति हो सकती है। 
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बी.एस. येद्दियुरप्पा को भी यह आश्वासन दिया गया है कि उनके 2 बेटों में से एक को सरकार में एक महत्वपूर्ण पद दिया जाएगा। उनके छोटे बेटे विजयेंद्र राज्य में बहुत सक्रिय हैं, जबकि बड़े बेटे राघवेंद्र शिवामोगा से सांसद हैं, लेकिन ये सब दीवाली त्यौहारों और बिहार के चुनावी नतीजों के बाद तय किया जाएगा।


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Pardeep

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