''द कश्मीर फाइल्स'' : सिक्रप्ट पढ़कर सन्न रह गये थे कलाकार , इस सीन ने निकाल दिया पसीना
punjabkesari.in Thursday, Mar 17, 2022 - 02:22 PM (IST)
जम्मू: इन दिनों कश्मीरी पंडितों के विस्थापन पर आधारित फिल्म द कश्मीर फाइल्स पूरे देश में चर्चा का विषय है। कुछ इसकी तारीफों के पुल बांध रहे हैं तो कहीं इसे बैन करने की मांग की जा रही है। हम आपको बता रहे हैं इसके फारूक बिट्टा उर्फ बिट्टा करोटे की भूकमका के पीछे की कहानी।
फारूक बिट्टा का किरदार निभाया चिन्मय मंडलेकर ने। उन्हें सिक्रप्ट पढ़कर समझ में नहीं आ रहा था कि कैसे काम करेंगे पर जब आॅनस्क्रीन उनका किरदार सामने आया तो उन्होंने साबित कर दिया कि कलाकारी किसे कहते हैं।
सिहर उठा था मैं
चिन्मय कहते हैं कि मैं सिक्रप्ट पढ़कर सिहर उठा था। उन्होंने कहा कि लोग जो फिल्म देखकर महसूस कर रहे हैं वो उन्होंने उस समय किया जब उनके पास फिल्म की सिक्रप्ट आई थी। विवके ने कहा था कि यह तो 35 प्रतिशत है। वास्तव में जो हुआ वो कहीं अधिक क्रूर था।
इस सीन ने किया परेशान
चिन्मय को जिस सीन ने सबसे अधिक परेशान किया वो खून सने चावलों का था। उन्होंने कहा, सिक्रप्ट पढ़ते समय में एक भावनात्मक दौर से गुजर रहा था। मैं इमोशनली इससे जुड़ गया था। जब खूने से सने चावलों को खाने का सीन आया तो मैं बिल्कुल चैंक गया था। पता चला कि उस आदमी को वास्तव में वैसे ही मारा गया था। सिर्फ यही नहीं बल्कि उसी पत्नी को उसके खून से सने चावल खिलाए गए थे। मैं बेचैन हो गया था।
Found clips of Bitta Karate who accepted whatever shown in #TheKashmirFiles. This is such a heartfelt tragedy we're unaware of. Justice to Kashmiri Pandits is still due. Along with terrorism plz do recognise termites and deshdrohi. MUST WATCH
— Harshit Aggarwal (@harshit__ca) March 14, 2022
Source : https://t.co/KbRrd14N7M pic.twitter.com/iP02LmiMMp
कौन है बिट्टा कराटे
बिट्टा कराटे एक खूंखार आतंकवादी कमांडर था। उसका पूरा नामक फारूक अहमद डार है। 1990 में कश्मीरी पंडितों के नरसंहार के दौरान उसने 20 हत्याओं की बात कबूल की थी। उसे पीएसए के तहत पकड़ा गया था पर 16 वर्ष जेल में रहने के बाद उसे 2006 में रिहा कर दिया गया। उसने एक साक्षात्कार के दौरान कबूल किया था कि स्थानीय प्रशासन से परेशान होकर वो उस समय आतंकी बना जब उसकी आयु मात्र 20 वर्ष की थी। वे प्रशिक्षण हेतु पाकिस्तान भी गया था और जिन 20 लोगों को उसने मारा था उसमें आरएसएस नेता सतीश कुमार टिकु भी थे।