बिप्लब देब के आरएसएस से त्रिपुरा मुख्यमंत्री तक के सफर पर एक नजर

punjabkesari.in Friday, Mar 09, 2018 - 04:11 PM (IST)

अगरतला: त्रिपुरा में करीब 25 साल लंबे वामपंथी शासन को समाप्त कर बिप्लब कुमार देब राज्य में भाजपा के पहले मुख्यमंत्री बने। उन्होंने आज अपने मंत्रिमंडल के अन्य मंत्रियों के साथ पद की शपथ ली। देब (48) पूर्वोत्तर राज्य के 10वें मुख्यमंत्री हैं। उनका देश के युवा मुख्यमंत्रियों- योगी आदित्यनाथ (उत्तर प्रदेश), पेमा खांडू (अरूणाचल प्रदेश) और मेघालय के नव-निर्वाचित मुख्यमंत्री कोनराड संगमा की सूची में अगला नाम हैं। अपने पूर्ववर्ती मार्क्सवादी मुख्यमंत्री माणिक सरकार की तरह ही देब भी बेहद साधारण पृष्ठभूमि से आते हैं। त्रिपुरा के गोमती जिले के राजधर नगर गांव में 25 नवंबर, 1971 में देब का जन्म एक मध्यमवर्गीय बंगाली परिवार में हुआ। उनके पिता हरधन देब जन संघ के स्थानीय नेता थे।

बिप्लब ने अपनी स्नातक की शिक्षा1999 में राज्य के उदयपुर कॉलेज से पूरी की और जल्दी ही दिल्ली आकर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ परिवार का हिस्सा बन गए। वह करीब 16 वर्ष तक संघ के दो प्रमुख नेताओं गोबिन्दाचार्य और कृष्ण गोपाल शर्मा की देखरेख में दक्षिण पंथी संगठन से जुड़े रहे। देब 2015 में त्रिपुरा लौटे और भाजपा के केन्द्रीय जन संपर्क प्रमुख बने। छह जनवरी, 2016 को पार्टी ने सुधीन्द्र दासगुप्ता के स्थान पर उन्हें अपना प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया।

देब की पत्नी नीति भारतीय स्टेट बैंक में अधिकारी हैं। उनकी एक बेटी और बेटा है। वहीं शपथ ग्रहण के बाद देब ने कहा कि मैं जिम्मेदारी लेने को तैयार हूं, किसी काम से पीछे नहीं हटूंगा।’’ मैं मुख्यमंत्री नहीं हूं, आप में से कोई भी मुझे अपना पुत्र, भाई समझकर मेरे पास आइएगा। कान पकड़ कर मेरी गलती ठीक कराइएगा, मैं एकदम नया हूं, मुझे आशीर्वाद दीजिए। राज्य के विकास के लिए सभी को साथ मिलकर काम करना होगा। भाजपा ने 18 फरवरी को हुए विधानसभा चुनाव में वाम के प्रमुख गढ़ को ध्वस्त करते हुए राज्य में बहुमत हासिल किया।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News