अमेरिका में नया VISA नियम,  ग्रीन कार्ड की चाहत रखने वाले भारतीयों को मिलेगी बड़ी राहत

punjabkesari.in Friday, Dec 04, 2020 - 12:38 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क: वर्षों से ग्रीन कार्ड पाने का इंतजार कर रहे सैंकडों भारतीय पेशेवरों के लिए राहत भरी खबर सामने आई है।अमेरिकी सीनेट ने रोजगार के आधार पर जारी किए जाने वाले प्रवासी वीजा पर देशों के अनुसार लगी सीमा को खत्म करने वाला विधेयक सर्वसम्मति से पारित कर दिया है। इस बिल के कानून बनने के बाद परिवार के आधार पर वीजा जारी किए जाएंगे।

 

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‘फेयरनेस फॉर हाई स्किल्ड इमिग्रेन्ट्स एक्ट' को सीनेट से मिली मंजूरी भारतीय आईटी पेशेवरों के लिए बड़ी राहत है जो एच-1बी वीजा पर अमेरिका आए थे और ग्रीन कार्ड अथवा स्थाई आवास के लिए दशकों से इंतजार कर रहे हैं। विधेयक को 10 जुलाई 2019 को प्रतिनिधि सभा से मंजूरी मिल गई थी। विधेयक ने परिवार आधारित आव्रजन वीजा पर उस वर्ष मौजूद कुल वीजा के प्रति देश सात प्रतिशत की सीमा बढ़ा कर 15 प्रतिशत किया था। 

 

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ऊटा राज्य से रिपब्लिक पार्टी के सीनेटर लाइक ली ने यह विधेयक पेश किया था। वित्त वर्ष 2019 में भारतीय नागरिकों को 9,008 श्रेणी1 (ईबी1), 2908 श्रेणी 2(ईबी2), और 5,083 श्रेणी 3 (ईबी3) ग्रीन कार्ड प्राप्त हुए। (ईबी3) रोजगार-आधारित ग्रीन कार्ड की विभिन्न श्रेणियां हैं। सीनेटर ली ने जुलाई में सीनेट को बताया था कि स्थायी निवास या ग्रीन कार्ड पाने के लिए किसी भारतीय नागरिक का बैकलॉग 195 वर्ष से अधिक है। क्रैमर ने यह सुनिश्चित करने का काम किया कि विधेयक धोखाधड़ी और वीजा प्रणाली के दुरुपयोग को रोकने वाला हो। 

 

 क्या होता है ग्रीन कार्ड?
किसी दूसरे देश से जाकर अमेरिका में बसे लोगों को वहां काम करने, रहने के लिए एक कार्ड दिया जाता है। इसे यूएस परमानेंट रेज़िडेंट्स कार्ड कहा जाता है। कार्ड का रंग हरा होता है, इसलिए यह ग्रीन कार्ड कहलाने लगा। ग्रीन कार्डधारी व्यक्ति अमेरिका में रह सकता है, नौकरी कर सकता है।  ग्रीन कार्ड की वैलिडिटी 10 साल की होती है। इसके बाद इसे रिन्यू कराना होता है या फिर नया जारी होता है। 


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vasudha

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