8th Pay Commission: 8वें वेतन आयोग सरकार का बड़ा अपडेट, जानें कितनी बढ़ेगी सैलरी
punjabkesari.in Monday, Dec 01, 2025 - 07:43 PM (IST)
नेशनल डेस्क: केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है कि फिलहाल कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (DA) को बेसिक सैलरी में मर्ज करने का कोई इरादा नहीं है। यह जानकारी 1 दिसंबर 2025 को लोकसभा में सांसद आनंद भदौरिया के सवाल के जवाब में वित्त मंत्रालय के राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने दी। हालांकि, आठवें सेंट्रल पे कमीशन के गठन को सरकार ने आधिकारिक रूप से नोटिफाई कर दिया है, जिसके बाद कर्मचारियों में वेतन सुधार को लेकर नई उम्मीदें बढ़ गई हैं।
कितनी बढ़ सकती है कर्मचारियों की सैलरी?
रिपोर्ट्स की मानें तो 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने पर कर्मचारियों के वास्तविक वेतन (Basic + DA) में 14% से 54% तक की संभावित वृद्धि हो सकती है। हालांकि 54% की बढ़ोतरी को कम संभावना वाली श्रेणी में माना जा रहा है। अनुमान ग्रेड पे 1900, 2400, 4600, 7600 और 8900 के आधार पर 1.92 और 2.57 फिटमेंट फैक्टर को शामिल कर तैयार किए गए हैं। साथ ही इसमें 24% HRA, ₹3,600–₹7,200 TA, NPS 10% और CGHS शुल्क को भी शामिल किया गया है।
महंगाई भत्ता क्या है और क्यों जरूरी है?
DA कर्मचारियों को महंगाई से राहत देने के लिए दिया जाता है। इसकी दर ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (ACPI-IW) के आधार पर हर छह महीने में तय होती है। फिलहाल DA 58% है, यानी 1 लाख रुपये बेसिक पे वाले कर्मचारी को 58,000 रुपये महंगाई भत्ता मिलता है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि महंगाई बढ़ने पर भी कर्मचारियों की वास्तविक आय संतुलित बनी रहे।
DA मर्ज करने की मांग, लेकिन सरकार का रुख स्पष्ट
कई कर्मचारी संगठनों की ओर से लंबे समय से मांग चल रही है कि DA को बेसिक पेमेंट में जोड़ दिया जाए, ताकि आगे होने वाली वेतन बढ़ोतरी का लाभ अधिक मिले। लेकिन वित्त मंत्रालय ने यह स्पष्ट कर दिया है कि इस समय ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। DA और बेसिक पे को अलग-अलग ही रखा जाएगा।
8वें वेतन आयोग की सिफारिशों पर टिकी निगाहें
सरकार ने 3 नवंबर 2025 को औपचारिक रूप से 8th Pay Commission के गठन का नोटिफिकेशन जारी किया। कमीशन की सिफारिशें लागू होने के बाद कर्मचारियों की बेसिक सैलरी और कई अलाउंस में बदलाव देखने को मिलेगा। भले ही DA मर्ज करने का निर्णय नहीं लिया गया है, लेकिन नए वेतन ढांचे के लागू होने पर कर्मचारियों को अप्रत्यक्ष रूप से इसका लाभ मिलना तय है। यह कदम लंबी अवधि में कर्मचारियों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
