ताड़ी के शौकीनों के लिए बड़ा अपडेट, अल्कोहल की मात्रा को लेकर हुए बदलाव, जानकर हो जाएंगे हैरान
punjabkesari.in Saturday, Jul 19, 2025 - 03:04 PM (IST)

नेशनल डेस्क : केरल सरकार ने अपने पारंपरिक पाम ड्रिंक ताड़ी में अल्कोहल की लीगल लिमिट को 8.1% से बढ़ाकर 8.98% कर दिया है। इस फैसले के साथ ही हेल्थ और ट्रेडिशन को लेकर पिछले 16 सालों से चल रही बहस खत्म हो गई है।
क्यों बढ़ाई गई ताड़ी में अल्कोहल की लिमिट?
यह बदलाव सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद हुआ, जब कोर्ट ने इस मामले में साइंटिफिक रिव्यू मांगा था। एक्सपर्ट्स की रिपोर्ट में कहा गया कि ताड़ी में नेचुरल फर्मेंटेशन से अल्कोहल की मात्रा 8% से थोड़ी ज्यादा हो सकती है। इसलिए नई लिमिट को ताड़ी के नेचुरल प्रोसेस के अनुसार तय किया गया।
पहले क्या दिक्कतें आती थीं?
- पुरानी लिमिट 8.1% थी, जबकि प्राकृतिक फर्मेंटेशन से ताड़ी में अल्कोहल की मात्रा थोड़ी ज्यादा हो जाती थी।
- इस वजह से ताड़ी निकालने वाले (टैपर्स) और बेचने वाले कई बार कानूनी परेशानी में फंस जाते थे।
- कई बार उनके लाइसेंस रद्द कर दिए जाते थे या भारी जुर्माना लगाया जाता था।
ताड़ी इंडस्ट्री पर असर
ताड़ी प्रोड्यूसर और सेलर्स लंबे समय से इस नियम में बदलाव की मांग कर रहे थे। उनका कहना था कि –
- ताड़ी एक नेचुरल प्रोडक्ट है, इसलिए इसमें अल्कोहल की मात्रा मौसम और फर्मेंटेशन प्रोसेस पर निर्भर करती है।
- सख्त नियमों की वजह से ताड़ी इंडस्ट्री को नुकसान हो रहा था और हजारों लोगों की रोज़ी-रोटी प्रभावित हो रही थी।
अब क्या होगा फायदा?
- नई लिमिट बढ़ने से ताड़ी इंडस्ट्री को राहत मिलेगी।
- ताड़ी बेचने और बनाने वाले अब कानूनी मुश्किलों से बचेंगे।
- उपभोक्ताओं को भी बेहतर गुणवत्ता की ताड़ी मिल सकेगी।
- इससे केरल की पारंपरिक संस्कृति और लोकल इकोनॉमी को बढ़ावा मिलेगा।
हेल्थ और सेफ्टी का ध्यान भी रखा गया
सरकार ने साफ किया है कि नई लिमिट तय करते समय हेल्थ और सेफ्टी स्टैंडर्ड्स को भी ध्यान में रखा गया है, ताकि ताड़ी का गलत इस्तेमाल न हो।