यूएन रिपोर्ट में बड़ा खुलासा : अफगानिस्तान में बढ़ा ISIS का नेटवर्क, भारत के लिए खतरे की घंटी!

punjabkesari.in Saturday, Aug 23, 2025 - 04:25 AM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की एक ताज़ा रिपोर्ट ने भारत सहित दक्षिण एशिया के कई देशों के लिए नई सुरक्षा चुनौती की चेतावनी दी है। रिपोर्ट में बताया गया है कि आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट खुरासान (ISIS-K) अफगानिस्तान में दोबारा मजबूत हो रहा है और वह भारत की सीमाओं के बेहद करीब अपने नेटवर्क का विस्तार कर रहा है।

क्या है रिपोर्ट का मुख्य खुलासा?

UN की काउंटर टेररिज्म समिति की इस रिपोर्ट के अनुसार:

  • ISIS-K अब सिर्फ अफगानिस्तान तक सीमित नहीं है, बल्कि मध्य एशिया, यूरोप और दक्षिण एशिया में भी अपनी पैठ बनाने की कोशिश कर रहा है।

  • आतंकी संगठन अब नई डिजिटल तकनीकों, क्रिप्टोकरेंसी और एन्क्रिप्टेड नेटवर्क का इस्तेमाल करके अपने वित्तीय और प्रचार नेटवर्क को गुप्त और प्रभावी बना रहा है।

अफगानिस्तान में मिला ‘आदर्श माहौल’

रिपोर्ट के मुताबिक, तालिबान के 2021 में अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद से ISIS-K को बिना किसी विरोध के फैलने का मौका मिला। अफगानिस्तान में उसके कई गुप्त प्रशिक्षण शिविर सक्रिय हैं, जिनके अल-कायदा से भी संपर्क की आशंका है।

यह स्थिति भारत, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान, और अन्य मध्य एशियाई देशों के लिए गंभीर सुरक्षा संकट उत्पन्न कर सकती है।

डिजिटल ताकत से आतंक का जाल

UN के अंडर-सेक्रेटरी जनरल व्लादिमीर वोरोंकोव ने कहा: "ISIS-K अब पारंपरिक हथियारों से ज्यादा, डिजिटल माध्यमों से खतरा बन रहा है। वह क्रिप्टोकरेंसी, सोशल मीडिया और एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग ऐप्स का इस्तेमाल कर रहा है, जिससे उसका आर्थिक और प्रचार तंत्र रोकना बहुत मुश्किल हो गया है।"

ISIS-K अब बिना ट्रैक हुए फंडिंग जुटाने, नए लोगों की भर्ती और ऑनलाइन कट्टरपंथीकरण के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का दुरुपयोग कर रहा है।

वैश्विक स्तर पर भर्ती अभियान

UN अधिकारी नतालिया गेरमैन ने बताया कि:

  • ISIS-K का टारगेट अब यूरोप और मध्य एशिया के युवा हैं, जिन्हें वह सोशल मीडिया के ज़रिए बहकाने की कोशिश कर रहा है।

  • अफ्रीका अब ISIS की सबसे सक्रिय गतिविधियों का केंद्र बन चुका है, जहां आतंकी हमलों की संख्या में तेजी आई है।

यह पूरी स्थिति विश्वव्यापी सुरक्षा प्रणाली के लिए नई चुनौती बनती जा रही है।

UN ने किया वैश्विक सहयोग का आह्वान

UNSC ने साफ कहा है कि सिर्फ सैन्य कार्रवाई या आतंकवादियों को मार गिराने से काम नहीं चलेगा। इसके लिए सभी देशों को:

  • मानवाधिकार आधारित रणनीति

  • तकनीकी सहयोग

  • और सूचना साझा करने की प्रणाली अपनानी होगी।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि दुनिया को अब 'सिर्फ अफगानिस्तान तक सीमित' सोच से बाहर निकलकर आतंक के बदलते चेहरे को समझना होगा।


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Content Writer

Pardeep

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