खतरे में ट्रंप का शांति मिशन ! जेलेंस्की की 3 शर्तें और पुतिन की टेढ़ी मांगों ने बढ़ाई मुश्किलें, डील पर टिकी पूरी दुनिया की नजरें
punjabkesari.in Tuesday, Aug 19, 2025 - 12:27 PM (IST)

Washington: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप रूस-यूक्रेन युद्ध खत्म कराने की कोशिशों में जुटे हैं। अलास्का में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात के बाद सोमवार को व्हाइट हाउस में उनकी यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से लंबी वार्ता हुई। इस दौरान जेलेंस्की ने शांति समझौते के लिए तीन बड़ी शर्तें रखीं, लेकिन इन पर पुतिन को राज़ी कराना ट्रंप के लिए बेहद मुश्किल माना जा रहा है।
जेलेंस्की की तीन शर्तें
- सुरक्षा गारंटी: भविष्य में रूसी हमलों से बचाने के लिए यूक्रेन को नाटो जैसी सुरक्षा व्यवस्था चाहिए।
- सेना बढ़ाने की स्वतंत्रता: यूक्रेन को अपनी सैन्य क्षमता बढ़ाने की आज़ादी मिले ताकि वह दोबारा असुरक्षित न हो।
- शांति के बाद चुनाव: युद्ध रुकने और सुरक्षा सुनिश्चित होने पर यूक्रेन स्वतंत्र और सुरक्षित चुनाव कराने को तैयार है।
- जेलेंस्की ने साफ कहा कि क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता से कोई समझौता नहीं होगा।
पुतिन की मांगें ः पुतिन ने युद्ध रोकने के लिए बिल्कुल विपरीत मांगें रखी हैं । यानी, दोनों नेताओं की शर्तें एक-दूसरे के खिलाफ हैं।
- डोनेट्स्क और डोनबास जैसे इलाकों को छोड़ना,
- क्रीमिया पर रूस का नियंत्रण मानना,
- और यूक्रेन का नाटो से हमेशा के लिए दूर रहना।
ट्रंप की रणनीति पर सवाल
व्हाइट हाउस मीटिंग से पहले ही ट्रंप ने जेलेंस्की से दो टूक कह दिया था कि वह रूस से छिने क्षेत्रों को भूल जाएं और नाटो सदस्यता के विचार पर फुलस्टॉप लगा दें। ट्रंप ने वादा किया कि अमेरिका यूक्रेन को नाटो जैसी सुरक्षा देगा।उन्होंने जेलेंस्की और यूरोपीय नेताओं (फ्रांस, जर्मनी, इटली, ब्रिटेन, फिनलैंड और नाटो प्रमुख) से बातचीत के बाद पुतिन से फोन पर भी चर्चा की। ट्रंप अब दोनों राष्ट्रपतियों पुतिन और जेलेंस्की के बीच आमने-सामने मुलाकात कराने की तैयारी कर रहे हैं।
यूरोपीय नेताओं का रुख
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा कि सबसे अहम बात यह रही कि अमेरिका ने सुरक्षा गारंटी के लिए यूरोप के साथ काम करने का वादा किया है। वहीं, यूरोपीय नेता इस बात पर अड़े हैं कि किसी भी समझौते में जेलेंस्की की सहमति अनिवार्य होगी। साफ है कि जेलेंस्की और पुतिन की शर्तें टकराती हैं। ट्रंप दबाव बनाकर समझौता कराने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन अब तक उनकी मध्यस्थता बेनतीजा रही है। आने वाले हफ्तों में यह तय होगा कि क्या ट्रंप अपने चुनावी वादे के मुताबिक इस युद्ध को रोक पाएंगे या नहीं।