बैंक नॉमिनेशन के नियमों में बड़ा बदलाव: अब एक नहीं, इतने नॉमिनी जोड़ सकेंगे खाताधारक, बदल गए हैं नियम

punjabkesari.in Saturday, Apr 19, 2025 - 06:03 AM (IST)

नेशनल डेस्कः सरकार ने बैंक लॉकर के नियम पहले से आसान कर दिया है। सरकार ने नया नियम लागू किया है, जिससे बैंक खाते और लॉकर के लिए नॉमिनी बनाने का प्रोसेस आसान हो जाएगा। अब आप अपने बैंक अकाउंट में सिर्फ एक नहीं, बल्कि चार लोगों को नॉमिनी बना सकते हैं।

पहले क्या था नियम? 
पहले के नियमों के अनुसार, एक बैंक अकाउंट में सिर्फ एक ही नॉमिनी जोड़ा जा सकता था। खाताधारक की मृत्यु के बाद वही नॉमिनी उस अकाउंट या लॉकर की धनराशि का वैध उत्तराधिकारी होता था।

अब क्या हुआ है बदलाव? 
नए नियमों के तहत अब:

  • खाताधारक अधिकतम चार नॉमिनी जोड़ सकता है।

  • वह यह भी तय कर सकता है कि किस नॉमिनी को कितनी राशि मिलेगी।

  • इससे परिवार में भविष्य में होने वाले विवादों को कम किया जा सकेगा।


नॉमिनेशन की दो नई प्रक्रिया: Simultaneous और Successive

नए कानून में नॉमिनेशन की दो व्यवस्थाएं जोड़ी गई हैं, जो पैसों के वितरण को और भी आसान और पारदर्शी बनाती हैं:

1. Simultaneous Nomination (एक साथ नामांकन)

इस व्यवस्था में खाताधारक यह तय करता है कि उसकी जमा राशि चार नॉमिनियों में किस अनुपात में बंटेगी।
उदाहरण: यदि किसी खाते में ₹10 लाख जमा हैं और तीन नॉमिनी हैं, तो खाताधारक इसे इस तरह बांट सकता है:

  • नॉमिनी 1: ₹4 लाख (40%)

  • नॉमिनी 2: ₹3 लाख (30%)

  • नॉमिनी 3: ₹3 लाख (30%)

    इसका फायदा यह है कि सभी नामित व्यक्तियों को उनकी हिस्सेदारी स्पष्ट रूप से पहले से ही तय होती है।

2. Successive Nomination (क्रमिक नामांकन)

इस व्यवस्था में प्राथमिकता के आधार पर नॉमिनी तय किए जाते हैं।
मतलब:

  • अगर पहला नॉमिनी जीवित नहीं है या पैसा स्वीकार करने की स्थिति में नहीं है, तो पैसा दूसरे नॉमिनी को मिलेगा।

  • इसी तरह अगर दूसरा भी अनुपलब्ध हो, तो पैसा तीसरे नॉमिनी को ट्रांसफर होगा।

    यह तरीका तब ज्यादा फायदेमंद होता है जब खाताधारक किसी एक व्यक्ति को प्राथमिकता देना चाहता है लेकिन अन्य को बैकअप के रूप में जोड़ना चाहता है।


फैमिली में फेयर डिस्ट्रीब्यूशन संभव

अब खाताधारक अपनी पत्नी, माता-पिता और बच्चों को एक साथ नॉमिनी बना सकता है, और यह भी तय कर सकता है कि किसे कितनी हिस्सेदारी मिले। इससे परिवार में पैसे के बंटवारे को लेकर पारदर्शिता आएगी और अनबन की संभावना घटेगी।

 


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Content Writer

Pardeep

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