US Study Visa वालों के लिए बड़ा झटका! Trump ने MIT समेत 9 Top Universities में लगाया 15% कैप!
punjabkesari.in Tuesday, Oct 07, 2025 - 01:53 PM (IST)

नेशनल डेस्क: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने देश के कुछ सबसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या को सीमित करने का निर्देश जारी किया है। यह कदम अमेरिका में उच्च शिक्षा के परिदृश्य को बदलने की दिशा में एक बड़े कदम के तहत उठाया गया है। शैक्षणिक प्रवेश और फंडिंग को रेगुलेट करने के एक comprehensive effort के हिस्से के रूप में इस नीति का पूरे देश के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ने की उम्मीद है।
टॉप 9 विश्वविद्यालयों पर निशाना
वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट के अनुसार नई नीति के तहत 9 प्रमुख अमेरिकी विश्वविद्यालयों को विशेष रूप से लक्षित किया गया है। इन विश्वविद्यालयों के लिए अब यह अनिवार्य होगा कि उनके Undergraduate students में स्टूडेंट वीज़ा एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत नामांकित छात्रों की संख्या 15 % से ज्यादा न हो। इसके अलावा किसी भी एकल देश के छात्रों की संख्या कुल स्नातक आबादी के 5% से अधिक नहीं हो सकती।
इस नीति से प्रभावित होने वाले प्रमुख विश्वविद्यालय
- मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT)
- यूनिवर्सिटी ऑफ पेंसिल्वेनिया
- यूनिवर्सिटी ऑफ एरिजोना
- ब्राउन यूनिवर्सिटी
- डार्टमाउथ कॉलेज
- यूनिवर्सिटी ऑफ सदर्न कैलिफ़ोर्निया
- यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास
- यूनिवर्सिटी ऑफ वर्जीनिया
- वेंडरबिल्ट यूनिवर्सिटी
अधिकारियों ने संकेत दिया कि इन संस्थानों का चयन इसलिए किया गया क्योंकि इनके नेतृत्व ने पहल के साथ जुड़ने और प्रतिक्रिया देने की इच्छा व्यक्त की थी। व्हाइट हाउस ने सार्वजनिक रूप से यह नहीं बताया है कि इन नौ स्कूलों को ही क्यों चुना गया।
विश्वविद्यालयों के लिए ये शर्तें
अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या को सीमित करने की यह नई नीति "उच्च शिक्षा में शैक्षणिक उत्कृष्टता के लिए समझौता" (Compact for Academic Excellence in Higher Education) नामक Ten-Point Initiative का हिस्सा है। छात्रों के नामांकन पर सीमा लगाने के अलावा विश्वविद्यालयों को प्रवेश, वित्तीय सहायता और पारदर्शिता में महत्वपूर्ण बदलाव लागू करने के लिए कहा गया है।
मुख्य निर्देश (Directives) में शामिल हैं:
- जाति या लिंग पर विचार किए बिना प्रवेश और भर्ती के निर्णय लेना।
- जाति, राष्ट्रीय मूल और लिंग के आधार पर वर्गीकृत नामांकन डेटा को सार्वजनिक करना।
- अंतरराष्ट्रीय आवेदकों सहित सभी संभावित छात्रों के लिए SAT जैसे मानकीकृत परीक्षण देना अनिवार्य करना।
- ट्यूशन फीस को 5 साल के लिए फ्रीज करना और प्रशासनिक खर्चों में कटौती करना।
- कार्यक्रम के अनुसार स्नातकों की कमाई का डेटा प्रकाशित करना।