MOVIE REVIEW: लजवाब डांस होने के बावजूद कमजोर रही ''भंगड़ा पा ले''
punjabkesari.in Friday, Jan 03, 2020 - 01:31 PM (IST)
फिल्म- भंगड़ा पा ले
स्टारकास्ट: सनी कौशल, रुखशार ढिल्लन
डायरेक्टरः स्नेहा तौरानी
रेटिंग: 2.5/5*
नई दिल्ली। आज 3 जनवरी को सभी सिनेमाघरों में फिल्म 'भंगड़ा पा ले' रिलीज हुई है। वहीं फिल्म में विक्की कौशल के छोटे भाई सनी कौशल और इस फिल्म से अपना बॉलीवुड डेब्यू कर रही रुखशार ढिल्लन नजर आ रही हैं। फिल्म को स्नेहा तौरानी ने डायरेक्ट किया है जोकि इस फिल्म से बलीवुड में अपना डेब्यू कर रही हैं।
Loyalty... 📸: @sourabhpaul #BhangraPaaLe #Jaggi #khalsa
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फिल्म में पंजाब का ट्रेडिशनल डांस भांगड़ा को बढ़ावा दिया गया है। ऐसे में फिल्म की कहानी इसी के इर्द-गिर्द धूमती नजर आ रही है।
कहानी
फिल्म में 2 कहानियां दिखाई गई हैं। पहली कहनी में सनी कौशल (जग्गी) और रुखशार ढिल्लन की कहानी है जहां दोनों को किसी भी तरह लंदन में हो रहे इंटरनेशनल भांगड़ा कॉम्पटीशन का हिस्सा बनना होता है। वहीं दोनों अलग-अलग कॉलेज से होते हैं और दोनों ही अपने-अपने कॉलेज के बेहतरीन भांगड़ा डांसर होते हैं।
ऐसें में जग्गी एक फीमेल पार्टनर की खोज करता है जो उसी की तरह बेहतरीन भांगड़ा परफॉर्म करती हो। वहीं जब उसकी मुलाकात रुखशार ढिल्लन से होती है तो वो उसके भागंड़ा से इतना ज्यादा इंप्रेस हो जाता है कि वो उसे अपने साथ परफॉर्कम करने के लिए कहता है। ऐसे रुखशार ढिल्लन भी जग्गी के डांस से इंप्रेस हो जाती है और साथ में परफॉर्म करना चाहती है।
अब आता है कहानी में टविट्स्ट जब दोनों को पता चलता है कि दोनों अलग-अलग कॉलेज से हैं और एक दूसरे के विरोधी टीम में हैं। ऐसे में अब क्या दोनों साथ में परफॉर्म करेंगे या नहीं इसके लिए आपको थिएटर तक जाना होगा। फिल्म में पूरा फोकस भांगड़ा पर रखा गया है जोकि आपको दूसरी कहानी में भी देखने को मिलेगा।
एक्टिंग
फिल्म में सभी की एक्टिंग अच्छी है लेकिन दो-दो कहानियां होने की वजह से बीच में थोड़ा कन्फ्यूजन क्रिएट हो जाता है। सनी ने फिल्म में अपना बेस्ट दिया तो वहीं रुखशार ढिल्लन ने भी अपने रोल को बहुत ही खूबसूरती से निभाया है।
वहीं डांस की बात करें तो दोनों ने भांगड़ा तो कमाल का किया है। वहीं फिल्म का फर्स्ट हॉफ थोड़ा बोरिंग है लोकिन दूसरे हॉफ में कहानी में थोड़ा इंटरेस्ट आने लगता है।
डायरेक्शन
स्नेहा तौरानी ने इस फिल्म से अपना बॉलीवुड डेब्यू किया है। फिल्म में दो-दो कहानियां होने की वजह से थोड़ा कंफ्यूजन क्रिएट हो जाता है। देखा जाए तो स्नेहा तौरानी ने इस फिल्म को खूबसूरत बनाने की अच्छी कोशिश की है लेकिन अफसोस ज्यादा बड़ा धमाका नहीं कर पाईं। फिल्म में ज्यादा गानें होने की वजह से फिल्म का इंट्रेस्ट छूटता है। इसके साथ ही फिल्म में कई चीजें रिपीट हो रही हैं।
गानें
फिल्म का जब नाम ही 'भंगड़ा पा ले' है तो पूरा फोकस गानों पर ही देखने को मिला है। फिल्म के सभी गानें बेहतरीन है जिसे सुनकर आप खुद को थिरकने से नहीं रोक पाएंगे।