शादी के हफ्तों बाद भी शारीरिक संबंध न बनाने पर पत्नी ने मांगा करोड़ों का मुआवजा, जानें क्या है नियम?
punjabkesari.in Friday, Sep 26, 2025 - 09:35 AM (IST)

नेशनल डेस्क। बेंगलुरु से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक नवविवाहित महिला ने अपने पति पर गंभीर आरोप लगाते हुए 2 करोड़ रुपये का मुआवजा मांगा है। महिला का आरोप है कि शादी के कई हफ्ते बीत जाने के बाद भी उसके पति ने उसके साथ शारीरिक संबंध नहीं बनाए। यही कारण है कि उसने अदालत का दरवाजा खटखटाया और मानसिक व भावनात्मक प्रताड़ना का हवाला देकर मुआवजे की मांग की है।
कानून का नजरिया
भारत में विवाह केवल सामाजिक या धार्मिक बंधन नहीं है, बल्कि यह कानूनी अधिकारों और कर्तव्यों से भी जुड़ा हुआ है। पति-पत्नी के बीच शारीरिक संबंध वैवाहिक जीवन का अभिन्न हिस्सा माने जाते हैं। यदि पति लंबे समय तक बिना किसी ठोस कारण या चिकित्सकीय समस्या के पत्नी से शारीरिक संबंध बनाने से इंकार करता है तो यह कानूनन क्रूरता की श्रेणी में आ सकता है।
सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के फैसले
पिछले कई मामलों में अदालतों ने यह स्पष्ट किया है कि विवाह के बाद पति-पत्नी के बीच शारीरिक संबंध से इनकार करना पत्नी के वैवाहिक अधिकारों का उल्लंघन है। सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि यदि पति लगातार संबंध बनाने से इंकार करता है तो इसे मानसिक क्रूरता माना जाएगा जो पत्नी के लिए गंभीर मानसिक पीड़ा का कारण है।
यह भी पढ़ें: कंबोडिया कनेक्शन! दिल्ली में पकड़ा गया हाई-टेक साइबर ठगों का गैंग, मोबाइल से मिले चौंकाने वाले सबूत
पत्नी के पास क्या विकल्प हैं?
कानूनी रूप से पत्नी के पास कई विकल्प मौजूद हैं:
हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 की धारा 13(1)(ia): पत्नी तलाक के लिए याचिका दायर कर सकती है।
CrPC की धारा 125: पत्नी भरण-पोषण (Maintenance) की मांग कर सकती है यदि पति उसे आर्थिक और भावनात्मक रूप से भी अकेला छोड़ देता है।
मानसिक और शारीरिक क्रूरता के आधार पर मुआवजे का दावा भी किया जा सकता है।
यह भी पढ़ें: लेह में हिंसा के बाद लगाई गई पाबंदी, अब 5 से ज्यादा लोग नहीं हो सकेंगे इकट्ठा
कब मिलेगा मुआवजा?
अगर यह साबित हो जाता है कि पति ने बिना किसी उचित कारण के पत्नी से शारीरिक संबंध बनाने से परहेज किया और इससे पत्नी को मानसिक आघात पहुंचा तो अदालत मुआवजा दे सकती है। इसके लिए पत्नी को ठोस सबूत प्रस्तुत करने होंगे। विशेषकर तब जब पति के पास कोई चिकित्सकीय या गंभीर स्वास्थ्य कारण न हो।