मनोरम नजारों के बीच नहीं बजती मोबाइल फोन की घंटी

punjabkesari.in Wednesday, Jul 18, 2018 - 02:35 PM (IST)

कठुआ (गुरप्रीत) : समुद्र तल से सात हजार फीट की ऊंचाई पर जिला कठुआ के दूर दराज पहाड़ी पर्यटक स्थल सरथल में मोबाइल नेटवर्क नहीं है। हर साल यहां हजारों की तादाद में पर्यटक हिमालय की इन हसीन वादियों एवं मौसम के नजारों को महसूस करने के लिए आते हैं। परंतु यहां पहुंचने के बाद पर्यटकों को अपनो से दूर होने का एहसास भी होना शुरू हो जाता है, कारण है कि यहां अब तक मोबाइल नेटवर्क की सुविधा सरकार मुहैया नहीं करवा पाई है। 


दरअसल सरथल पर्यटक स्थल की खूबसूरती कश्मीर के पहलगाम या फिर भद्रवाह के हरे भरे मैदानों से कम नहीं है। यह स्थल सर्दियों के मौसम में छह माह तक पूरी तरह से बंद रहता है। जबकि गर्मियों के शुरू होने के बावजूद वहां ठंडे मौसम का नजारा लेने के लिए कठुआ ही नहीं बल्कि पंजाब, हिमाचल आदि के लोग रुख करते हैं। कठुआ मुख्यालय से करीब 150 किलोमीटर दूर इस पर्यटक स्थल में रहने के लिए टैंट आदि की सुविधा तो है लेकिन मोबाइल नेटवर्क की सुविधा का न होना पर्यटकों के लिए मुसीबत खड़ी करता है। आपात स्थिति में वे अपने घर तक बात नहीं कर पाते। मोबाइल नेटवर्क पकड़े, इसके लिए उन्हें सरथल से नीचे बनी की ओर रुख करना पड़ता है। 

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जिला कठुआ के पर्यटक स्थलों की अनदेखी 
जिला के पर्यटक स्थल का नजारा कश्मीर की वादियों से कम नहीं है। परंतु इन पर्यटक स्थलों की दशकों से अनदेखी की जा रही है। जिला के पहाड़ी क्षेत्र बनी, बिलावर और बसोहली में प्राकृतिक नजारे दांतों तले उंगली दबाने को मजबूर कर देते हैं। परंतु इन स्थलों तक पहुंचने के लिए न तो सडक़ों की व्यवस्था है और न ही अन्य उचित इंतजाम इन स्थलों पर हैं। जिला कठुआ की हद डोडा-भद्रवाह की सरहद से भी लगती है। बनी को डोडा-भद्रवाह से जोडऩे के लिए सडक़ निर्माण भी चल रहा है। छत्तरगलां में टनल निर्माण के बाद बनी-डोडा तक जाने के लिए मार्ग सुगम होगा। रास्ते में सरथल पर्यटक स्थल आता है परंतु बनी से सरथल जाने के लिए सडक़ मार्ग की हालत भी खस्ता है। इसके अलावा बसोहली में आकर्षण का केंद्र बने रंजीत सागर झील से सटे पुरथू क्षेत्र में रोजाना सैकड़ों लोग आते हैंं। मिनी गोआ के नाम से प्रसिद्ध इस स्थल पर भी प्रशासन या फिर पर्यटन विभाग की ओर से कोई सुविधा नहीं दी गई। 

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महानपुर के डांबरा क्षेत्र की खूबसूरती भी कम नहीं
महानपुर क्षेत्र के डांबरा स्थित पर्यटक स्थल बनबर उभर सकता है। डांबरा में करीब एक सौ कनाल खुला मैदान और प्राकृतिक निकलने वाला पानी व चीड़ के पेड़ इसकी खूबसूरती को बढ़ाते हैं। यहां तक जाने के लिए सडक़ मार्ग तो है लेकिन इस स्थल को विकसित करने के लिए अब तक कोई कदम नहीं उठाए गए। एक तरह से जिला मेें कई ऐसे स्थल हैं 

 

 


 
बिलावर में भी खूबसूरत नजारों की कमी नहीं 
बिलावर उपमंडल में भी खूबसूरत नजारों की कमी नहीं है। नानगलां क्षेत्र में गर्मियों के मौसम में धुंध ठंडक का एहसास करवाती है। यहां तक जाने के लिए मार्ग उचित है। इसके अलावा कुरकन में प्राकृतिक वाटर फाल भी लोगों को आकर्षित करता है लेकिन यहां मार्ग उचित नहीं है। मंटार में भी पर्यटक स्थल है जो मिनी स्विजरलैंड के नाम से प्रसिद्ध है। सुच्चार का खुला हरा भरा मैदान और चारों छोर में देवदार के वृक्ष अपने में एक मनमोहक नजारा है। इन तमाम स्थलों को विकसित करने के लिए कोई प्रयास नहीं हो पाए। 


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 किसी कंपनी का नेटवर्क नहीं
सरथल में किसी भी कंपनी का मोबाइल नेटवर्क नहीं है। बी.एस.एन.एल. का भी वहां नेटवर्क नहीं है। टावर लगाने में काफी ज्यादा खर्च आता है जबकि वहां से रेवेन्यू इतना ज्यादा नहीं आएगा। सरकार की ओर से भी फिलहाल वहां मोबाइल नेटवर्क को लेकर कोई निर्देश नहीं आए हैं.......संजीव शर्मा, कार्यकारी अभियंता, डिवीजन कठुआ, बी.एस.एन.एल.। 

 

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क्या कहते हैं अधिकारी
  एस.डी.एम. बनी अजीत सिंह का कहना है कि बनी-भद्रवाह सडक़ मार्ग का निर्माण भी चल रहा है। जिसके चलते जैसे ही इस मार्ग से आवाजाही सुचारू होगी तो पर्यटकों की संख्या भी बढ़ेगी जिससे विभिन्न कंपनियों द्वारा मोबाइल टावर लगाने की संभावनाएं बनेंगी। सरथल बनी का बेहतरीन पर्यटक स्थल है  


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Monika Jamwal

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