पतंजलि को मिली कोरोनिल बेचने की इजाजत, इम्युनिटी बूस्टर के तौर पर आयुष मंत्रालय ने दी परमिशन

punjabkesari.in Wednesday, Jul 01, 2020 - 07:49 PM (IST)

नई दिल्लीः केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि पतंजलि कोरोनिल दवाई को केवल शरीर की ‘रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने' वाली बताकर बेच सकता है । पतंजलि आयुर्वेद के योग गुरु रामदेव ने बुधवार को कहा कि कोरोनिल दवाई की बिक्री पर आयुष मंत्रालय द्वारा कोई प्रतिबंध नहीं है। हाल ही में पतंजलि ने इसे कोविड-19 की दवाई के रूप में जारी किया था लेकिन अब वह इसे बीमारी के ‘प्रभाव को कम' करने वाला उत्पाद बता रहे हैं। केंद्रीय मंत्रालय ने पुष्टि की है कि पतंजलि इस दवाई को बेच सकता है लेकिन वह इसे कोविड-19 की दवाई बताकर नहीं बेच सकता है।

मंत्रालय ने कहा, ‘‘ आयुष मंत्रालय ने सिर्फ उस खास अव्यव को प्रतिरक्षा बढ़ाने वाले पदार्थ के रूप में बेचने की अनुमति दी है न कि इसे कोविड-19 के दवाई के रूप में बेचे जाने की।'' हालांकि भले ही कंपनी कोरोनिल को कोविड-19 का ‘इलाज' बताने से पीछे हट जाए लेकिन कंपनी अब भी दावा कर रही है कि आंशिक और मध्यम स्तर पर बीमार मरीजों पर उनका परीक्षण सफल रहा था।

पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड ने अपनी प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि जरूरी अनुमति के बाद ही परीक्षण किया गया था और सात दिन के भीतर दवाई ने मरीजों पर 100 फीसदी तक काम किया। कंपनी ने कहा कि आयुष मंत्रालय ‘पूर्ण रूप से सहमत' हो गया है कि पतंजलि ने ‘ उचित रूप से ही कोविड-19 के प्रबंधन' पर काम किया। कंपनी का कहना है कि अब आयुष मंत्रालय और पतंजलि के बीच विचारों को लेकर कोई मतभेद नहीं है।

कंपनी ने कहा कि मंत्रालय के अनुसार पतंजलि दिव्य कोरोनिल, दिव्य श्वसारी बटी और दिव्य अणुतेल की गोलियों का उत्पादन करने और पूरे भारत में इसे बेचने के लिए स्वतंत्र है। वहीं योगगुरु रामदेव ने बुधवार को हरिद्वार में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा कि पतंजलि आयुर्वेद के पास कोरोनिल बनाने के लिए सभी प्रकार की स्वीकृतियां थीं और दवाई को लेकर आयुष मंत्रालय के साथ विवाद अब समाप्त हो गया है।

 


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Yaspal

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