अयोध्या: 18 महीनों में दो बार धमाका, 8 मौतें...अब नया घर भी धमाके से ध्वस्त, एक ही परिवार के 5 लोगों की दर्दनाक मौत

punjabkesari.in Friday, Oct 10, 2025 - 09:31 AM (IST)

नेशनल डेस्क: अयोध्या के भदरसा-भरतकुंड नगर पंचायत के पगलाभारी गांव में गुरुवार रात हुए सिलेंडर ब्लास्ट ने पूरे इलाके को हिला कर रख दिया। तेज धमाके की आवाज कई किलोमीटर दूर तक सुनी गई। देखते ही देखते रामकुमार गुप्ता का मकान मलबे के ढेर में तब्दील हो गया। हादसे में एक ही परिवार के पांच लोगों की मौत हो गई जिनमें पिता, दो बेटे, एक बेटी और एक रिश्तेदार शामिल हैं। मृतकों की पहचान रामकुमार गुप्ता (मकान मालिक), उनके बेटे लव (8) और यश, बेटी इशी, और साली वंदना के रूप में हुई है। प्रशासन और राहत दल पूरी रात मौके पर राहत-बचाव कार्य में जुटे रहे। मलबा हटाने के बाद सभी शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया।

गांव में दहशत का माहौल
धमाके की आवाज से आसपास के कई गांवों में लोग घरों से बाहर निकल आए। आसमान में धूल और धुआं भर गया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, मकान कुछ ही सेकंड में ढह गया और हर तरफ मलबा फैल गया। गांव में मातम और डर का माहौल है।

पहले भी हुआ था ऐसा ही हादसा
गांववालों ने बताया कि अप्रैल 2024 में भी इसी परिवार के पुराने मकान में विस्फोट हुआ था, जिसमें रामकुमार की मां और पत्नी बुरी तरह झुलस गई थीं और बाद में उनकी मौत हो गई थी। उस हादसे में गांव की एक अन्य लड़की की भी मलबे में दबकर जान चली गई थी।
लोगों का कहना है कि रामकुमार पटाखों का अवैध कारोबार करता था और घर में विस्फोटक सामग्री रखता था। हालांकि, पिछले हादसे का कारण भी सिलेंडर ब्लास्ट बताया गया था। उसके बाद रामकुमार ने गांव से बाहर मधुपुर रोड पर नया घर बना लिया था, लेकिन 18 महीने बाद वही कहानी दोहराई गई।


जांच में क्या पता चला
जिलाधिकारी निखिल टीकाराम फुंटेस ने बताया कि उन्हें ब्लास्ट की सूचना रात करीब साढ़े सात बजे मिली। पुलिस, प्रशासन और फायर ब्रिगेड की टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। सभी घायलों को अस्पताल भेजा गया, लेकिन पांच लोगों की मौत हो गई।

डीएम के मुताबिक, प्रारंभिक जांच में यह संभावना है कि धमाका रसोईघर में हुआ, क्योंकि वहां बर्तन और गैस सिलेंडर बुरी तरह क्षतिग्रस्त मिले हैं। हालांकि, उन्होंने कहा कि असली कारण का पता फोरेंसिक रिपोर्ट आने के बाद ही चलेगा।
एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर ने बताया कि रामकुमार पिछले एक साल से अपने नए मकान में परिवार के साथ रह रहा था। मकान के आसपास कोई दूसरा घर नहीं था, जिससे धमाके का असर पूरे क्षेत्र में महसूस हुआ। फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।


गांववालों की जुबानी
स्थानीय लोगों का कहना है कि दोनों हादसों के पीछे पटाखों का स्टॉक भी कारण हो सकता है, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। फोरेंसिक टीम ने मौके से साक्ष्य इकट्ठा किए हैं और रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट होगा कि धमाका गैस सिलेंडर से हुआ या किसी अन्य विस्फोटक से।


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Content Editor

Mansa Devi

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