अयोध्या: श्रीराम मंदिर जमीन खरीद में गंभीर आरोप, 10 मिनट में 2 करोड़ से हो गए 18 करोड़ दाम

punjabkesari.in Monday, Jun 14, 2021 - 12:17 PM (IST)

नेशनल डेस्क: अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा खरीदी गई जमीन को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। सपा पार्टी सरकार में मंत्री रहे एवं अयोध्या के पूर्व विधायक पवन पांडे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सवाल उठाए हैं। पांडे ने आरोप लगाया कि 2 करोड़ में जमीन का बैनामा हुआ और उसी दिन फिर साढ़े 18 करोड़ में एग्रीमेंट हुआ। एग्रीमेंट और बैनामा दोनों में ही ट्रस्टी अनिल मिश्रा और मेयर ऋषिकेष उपाध्याय गवाह हैं। 18 मार्च 2021 को ही करीब 10 मिनट पहले बैनामा भी हुआ और फिर एग्रीमेंट भी, जिस जमीन को दो करोड़ में खरीदा गया उसी जमीन का 10 मिनट बाद साढ़े 18 करोड़ में एग्रीमेंट क्यों हुआ?

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वहीं आम आदमी पार्टी (AAP) से राज्यसभा सदस्य एवं पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय सिंह ने अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण करा रहे श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते हुए उसकी जांच CBI और प्रवर्तन निदेशालय (ED) से कराने की मांग की है। संजय सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आरोप लगाया कि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने संस्था के सदस्य अनिल मिश्रा की मदद से दो करोड़ रुपए कीमत की जमीन 18 करोड़ रुपए में खरीदी। उन्होंने आरोप लगाया कि यह सीधे-सीधे धन शोधन का मामला है और सरकार इसकी सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय से जांच कराए। 

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आरोप में बोले संजय सिंह
संजय सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कुछ दस्तावेज पेश करते हुए कहा, "कोई कल्पना भी नहीं कर सकता कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के नाम पर कोई घोटाला और भ्रष्टाचार करने की हिम्मत करेगा। लेकिन जो कागजात मैं आपको दिखाने जा रहा हूं वे चिल्ला-चिल्ला कर कह रहे हैं कि राम जन्मभूमि ट्रस्ट के नाम पर चंपत राय ने करोड़ों रुपए चंपत कर दिए। उन्होंने दावा किया कि अयोध्या सदर तहसील के बाग बिजैसी गांव में पांच करोड़ 80 लाख रुपए की मालियत वाली गाटा संख्या 243, 244 और 246 की जमीन सुल्तान अंसारी और रवि मोहन तिवारी नामक व्यक्तियों ने कुसुम पाठक और हरीश पाठक से 18 मार्च को दो करोड़ रुपए में खरीदी थी। आप सांसद ने कहा कि शाम सात बजकर 10 मिनट पर हुई इस जमीन खरीद में राम जन्मभूमि ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा और अयोध्या के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय गवाह बने थें। साथ ही आरोप लगाया कि उसके ठीक पांच मिनट के बाद इसी जमीन को चंपत राय ने सुल्तान अंसारी और रवि मोहन तिवारी से साढ़े 18 करोड़ रुपए में खरीदा, जिसमें से 17 करोड़ रुपए आरटीजीएस के जरिए पेशगी के तौर पर दिए गए।

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सिंह ने आरोप लगाया, "दो करोड़ रुपए में खरीदी गई जमीन का दाम लगभग प्रति सेकंड साढ़े पांच लाख रुपए बढ़ गया। हिंदुस्तान तो क्या, दुनिया में कहीं किसी जमीन का दाम इतनी तेजी से नहीं बढ़ता। मजे की बात यह है कि जो राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा और अयोध्या के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय बैनामा कराने में गवाह थे, वो ही इस जमीन को ट्रस्ट के नाम पर खरीदने में भी गवाह बन गए। यह साफ तौर पर धन शोधन और भारी भ्रष्टाचार का मामला है। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार से मांग करता हूं कि तत्काल ईडी और सीबीआई के जरिए इस मामले की गहन जांच कराकर इसमें शामिल भ्रष्टाचारी लोगों को जेल में डाला जाए क्योंकि यह इस मुल्क के करोड़ों राम भक्तों की आस्था के साथ-साथ उन करोड़ों लोगों के भरोसे का भी सवाल है जिन्होंने अपनी गाढ़ी कमाई का पैसा राम मंदिर निर्माण के लिए दिया है।" 

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वहीं चंपत राय ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह इस तरह के आरोपों से नहीं डरते। मीडिया को जारी एक संक्षिप्त बयान में राय ने कहा, "हम पर तो महात्मा गांधी की हत्या करने का आरोप भी लगाया गया था। हम आरोपों से नहीं घबराते। मैं इन आरोपों का अध्ययन और उनकी जांच करूंगा।


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Content Writer

Seema Sharma

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