विधानसभा में पारित हुआ विधेयक, जम्मू-कश्मीर में भी लागू हुआ GST

punjabkesari.in Saturday, Jul 08, 2017 - 02:28 AM (IST)

श्रीनगर(मजीद): जम्मू-कश्मीर विधानसभा में विपक्ष के बहिर्गमन के बीच वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) विधेयक आज ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। विधानसभा के अध्यक्ष कविंद्र गुप्ता ने जी.एस.टी. विधेयक पारित होने के तुरंत बाद सदन की कार्रवाई अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित करने की घोषणा कर दी। इस दौरान नैकां ने सदन का बहिष्कार किया था, जबकि कांग्रेस व अन्य विपक्षी दलों के नेता वॉकआऊट कर गए थे। 

सदन की कार्रवाई शुरू होते ही माकपा विधायक मोहम्मद यूसुफ  तारिगामी ने कहा कि सरकार ने राज्य में जी.एस.टी. लागू करने संबंधी राष्ट्रपति के आदेश की सूचना सदन को दिए बगैर जम्मू-कश्मीर जी.एस.टी. विधेयक-2017 पटल पर रख कर विधानसभा की परम्परा का उल्लंघन किया है। कांग्रेस विधायक नवांग रिगजिन जोरा ने सरकार पर आरोप लगाया कि जी.एस.टी. कानून और राष्ट्रपति आदेश के मामले में सरकार जम्मू-कश्मीर के संविधान को कमजोर कर रही है। तारिगामी और पी.डी.एफ . के अध्यक्ष हकीम मोहम्मद यासीन भी अपना विरोध दर्ज करवाने के बाद सदन से बाहर चले गए। 

इससे पहले राज्य विधानसभा में आज विपक्ष के बायकॉट के बीच राज्य वित्त मंत्री ने जी.एस.टी. विधेयक-2017 सदन के पटल पर रखा, जिसे ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। इसके साथ ही जम्मू और कश्मीर इस नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था का हिस्सा बन गया। उन्होंने कहा कि आज मध्यरात्रि से जी.एस.टी. व्यवस्था राज्य में लागू हो गई है। जी.एस.टी. विधेयक को राज्य विधानसभा में विचार एवं पारित करवाने के लिए पेश करने से पहले द्राबू ने राज्य को प्राप्त विशेष दर्जे और उसके तहत प्राप्त विशेष कराधान अधिकारों से संबंधित राष्ट्रपति के आदेश को पढ़ा। द्राबू ने कहा कि राज्य विधानसभा में राष्ट्रपति के आदेश को रखे जाने की परम्परा नहीं रही है। हम राष्ट्रपति के आदेश को सदन में रख कर राज्य की लोकतांत्रिक व्यवस्था में एक नई शुरूआत कर रहे हैं। 

राष्ट्रपति की जी.एस.टी. को मंजूरी
राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने जम्मू-कश्मीर में वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) कानून लागू करने संबंधी आदेश को मंजूरी दे दी है और आगे की कार्रवाई के लिए उसे केन्द्रीय गृह मंत्रालय के पास भेज दिया है। 

जम्मू-कश्मीर के वित्तमंत्री चाहते हैं कि विपक्षी विधायक उन्हें सलाम करें 
वित्त मंत्री हसीब द्राबू ने आज सदन में स्पीकर से 2 असाधारण अनुरोध किए। उन्होंने एक विपक्षी विधायक द्वारा सदन के वैल से उनको सलाम करने और दूसरे विधायक से इस्तीफा लेने के लिए अलग-अलग निर्देश देने की मांग की। जी.एस.टी. पर चर्चा में भाग लेते हुए उन्होंने दावा किया कि नैशनल कांफ्रैंस (नैकां) के विधायक देवेन्द्र राणा ने कहा था कि यदि जम्मू-कश्मीर में जी.एस.टी. कार्यान्वयन पर राष्ट्रपति के आदेश की प्रस्तावना में सुरक्षा उपायों को शामिल किया गया तो वह सदन के वैल से उनको सलाम करेंगे। 

द्राबू ने कहा कि राणा, जो आज सदन में मौजूद नहीं हैं, को अगले सत्र के दौरान उन्हें सलाम करने के निर्देश दिए जाने चाहिएं। वहीं कांग्रेस विधायक जी.एम. सरूरी की टिप्पणी कि यदि सुरक्षा उपायों को शामिल किया गया तो वह अपना इस्तीफा पेश करेंगे, का हवाला देते हुए मंत्री ने कहा कि विपक्षी विधायक को अब इस्तीफा देने के निर्देश दिए जाने चाहिएं, क्योंकि उनके द्वारा निर्धारित शर्त को पूरा किया गया है।  


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