23 दिन की शादी, 3 दिन पहले ही नौकरी पर लौटकर मनाया जश्न, हादसे में गई जान

punjabkesari.in Friday, Mar 29, 2019 - 11:19 AM (IST)

नई दिल्ली(नवोदय टाइम्स): 23 दिन पहले हुई थी शादी, छुट्टी लेकर हनीमून से लौट कर आया ही था और तीन दिन पहले ऑफिस को रीज्वाइन कर दोस्तों को शादी की पार्टी दी थी। दोस्त पार्टी में शरीक हुए थे और घर में अभी शादी का जश्न का माहौल था लेकिन उन्हें क्या पता था कि ये जश्न मातम में बदल जाएगा जब पार्टी देने वाला और जिसके लिए जश्न मन रहा है वह जिंदा नहीं रहेगा। कुछ ऐसा ही हुआ अरुण कुमार के साथ। अरुण कुमार की मौत 26 मार्च को सुबह एक सड़क हादसे में मौत हो गई। उसकी पत्नी, दोस्तों और पूरे परिवार की खुशी को मातम में बदल दिया एक डीटीसी की बस ने। जिसके ड्राइवर ने तेजी और लापरवाही से उसकी बाइक को टक्कर मार दी और उसकी मौके पर ही मौत हो गई। 

तीन दिन पहले दोबारा शुरू की थी ड्यूटी
बताया जाता है कि अरुण ने तीन दिन पहले ड्यूटी दोबारा शुरू की थी और वह रोजाना की भांति वह अपनी बाइक से पूर्वी दिल्ली के हर्ष विहार से ओखला नौकरी पर जा रहा था। वह जब गाजीपुर श्मशान घाट के मोड़ के पास पहुंचा ही था कि तभी एक डीटीसी की बस ने उसे पीछे से टक्कर मार दी। टक्कर के लगते ही वह गिर गया। बताया जाता है कि उसके सिर पर सीधे चोट लगी जिससे उसकी मौत हुई। पुलिस ने बस को अपने कब्जे में लेकर ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया है। 

3 मार्च को हुई थी शादी 
अरुण ओखला में एक निजी कंपनी में बतौर टीम लीडर के रूप में कार्यरत था। उसका विवाह नोएडा में हुआ था। उसने इसी शादी के चलते ऑफिस से करीब एक माह से छुट्टी ली हुई थी और तीन दिन पहले छुट्टी खत्म कर वह ऑफिस वापिस लौटा था। इन्हीं छुट्टी के दौरान शादी के बाद वह हनीमून पर गया था और उसके बाद उसकी पत्नी अपनेे मायके चली गई। परिजनों के मुताबिक रविवार को उसकी पत्नी को उसे ही लेने आना था।

24 मार्च को ऑफिस में मनाया था शादी का जश्न 
अरुण बेहद मिलनसार था। जब वह आफिस लौटा उसके सभी साथी पार्टी का इंतजार कर रहें थे। इसलिए उसने 24 तारीख को पार्टी दी जिसमें उसके सीनियर भी शरीक हुए। इस पार्टी में जश्न मना था जिसके चलते अरुण काफी लेट पहुंचा था। तभी भी परिजनों ने उसे टोका था,लेकिन उसने कहा था कि जब दोस्तों ने पार्टी मांगी तो वह नहीं रुक पाया। 

अब समय पर ही आया करूंगा बोल गया लेकिन वह नहीं, आई मौत की खबर
अरुण के पिता इस समय गहरे सदमे में हैं। बस जुबां पर यही शब्द है कि पार्टी में बहुत लेट गया था अब हमेशा समय पर आया करूंगा। जिस दिन ये हादसा हुआ उस दिन भी पिता से बोल कर गया था समय पर ही घर आऊंगा।  परिजन भी यही सोच कर बैठे थे। लेकिन उन्हें कहां पता था की अरुण की ये आखिरी ड्यूटी होगी और थी वह अब कभी लौट कर घर नहीं आएगा। कल शाम जब घरवालों को एक्सीडेंट के बारे में जानकारी मिली तो सभी सन्न रह गए।  


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Anil dev

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