हथकरघा बुनकरों के लिए न्यायोचित मजदूरी सुनिश्चित करवाने के उपाय जरूरी: मोदी

punjabkesari.in Saturday, Aug 08, 2015 - 02:54 AM (IST)

चेन्नई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में हथकरघा उद्योग को मजबूत बनाने की पैरवी करते हुए हथकरघा उत्पादों को वैश्विक स्तर पर प्रोत्साहन देने तथा हथकरघा बुनकरों को उचित मजदूरी का उनका अधिकार सुनिश्चित करवाने के लिए जरूरी कदम उठाने पर बल दिया। यहां राष्ट्रीय हथकरघा दिवस समारोहों का उद्घाटन करते हुए मोदी ने फिल्म उद्योग से हथकरघा परिधानों को भी फिल्मों के जरिए लोकप्रिय बनाने की अपील की।

भारतीय हथकरघा उद्योग की वैश्विक पहुंच के बावजूद उचित ब्रांडिंग के अभाव पर चिंता जताते हुए मोदी ने कहा कि इसे वैश्विक स्तर पर पहुंचाने के उपाय करने तथा हथकरघा उत्पादों की बिक्री के लिए ई-कामर्स का दायरा बढ़ाने की जरूरत है। मोदी ने कहा कि सरकार ने सूक्ष्म, लघु और मझोले उपक्रमों के लिए 20,000 करोड़ रुपए के कोष के साथ मुद्रा बैंक और 3,000 करोड़ रुपए का एक ऋण गारंटी कोष बनाने की घोषणा की है।  
 
प्रधानमंत्री ने 3 उत्पादों तांगेल साड़ी, तनचोई साड़ी और सालेम सिल्क धोतियों को ‘भारतीय हथकरघा चिन्ह’ प्रदान किया। इस मौके पर उन्होंने एक स्क्रॉल का भी अनावरण किया गया जिस पर भारतीय हथकरघा चिन्ह का लोगो प्रदर्शित है। 
 
जैविक कृषि को प्रोत्साहित करेगी सरकार
केन्द्र सरकार जैविक खेती की अपनी महत्वाकांक्षी योजना को प्रोत्साहित करने हेतु और सबसिडी के बेहतर वितरण के लिए क्लस्टर दृष्टिकोण अपनाएगी। इसका मुख्य उद्देश्य एक बड़े क्षेत्र पर जैविक खेती को बढ़ावा देना है। एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक जब तक इस पहल को चुनिंदा किसानों तक ही सीमित रखा जाएगा तब तक जैविक खेती में शामिल सभी संभावनाओं को नहीं खंगाला जा सकेगा। उन्होंने बताया कि हाल में सरकार द्वारा घोषित की गई परम्परागत कृषि योजनाएं अन्य मौजूदा योजनाओं के साथ मिलकर जैविक कृषि को बढ़ावा देंगी साथ ही केन्द्र सरकार द्वारा जारी की जाने वाली राशि की पहुंच बढ़ाना सुनिश्चित करेगी।

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